नालागढ। एशिया में 45 फीसदी दवाएं निर्यात करने वाले हिमाचल के फार्मा उद्योगों की दवाएं सैंपलिंग में फेल हो रही हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) के जारी होने वाले ड्रग अलर्ट में इसका खुलासा हुआ है। सीडीएससीओ के अगस्त माह के ड्रग अलर्ट में देश भर की फेल हुई 22 दवाओं में हिमाचल के फार्मा उद्योगों की चार दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। इसमें औद्योगिक क्षेत्र ऊना की दो व कालाअंब के दो फार्मा उद्योगों की दवा शामिल हैं। सहायक दवा नियंत्रक ने इन चारों उद्योगों को नोटिस जारी कर बाजार से स्टॉक को रिकाल कर लिया गया है। संगठन ने अगस्त माह में देश की कुल 843 दवाओं के सैंपल लिए थे। 821 दवाओं के सैंपल मानकों पर खरे उतरे हैं। जबकि, 22 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं।
फेल हुए सैंपलों में हिमाचल में बनने वाली चार दवाओं के सैंपल भी शामिल हैं। इसमें सिरमौर जिले के कालाअंब औद्योगिक क्षेत्र के ओगली स्थित डिजिटल विजन कंपनी की एसीक्लोविर टैबलेट (हर्पाईवीर-800) बैच नंबर डीवीटी197055, औद्योगिक क्षेत्र ऊना के मैसर्ज हॉस्टस बायोटेक कंपनी का आइसोप्रोफाइल हैंड सैनिटाइजर बैच नंबर 231एच व हैंड सैनिटाइजर बैच नंबर 247 एच, कालाअंब औद्योगिक क्षेत्र के रामपुर जटां में बैक्टीरियल इंफेक्शन के लिए दी जाने वाली एंटीबायोटेक सिफिक्सीम डिस्प्राइब बैच नंबर एफबीटी19-186बी की दवा के सैंपल फेल हुए हैं। सहायक दवा नियंत्रक डॉ. कमलेश नायक ने बताया कि सैंपल फेल होने वाले उद्योगों को नोटिस जारी कर दिए हैं। फेल हुए सैंपलों के बैच बाजार से हटाने के निर्देश दिए गए हैं।
नालागढ ब्रेकिंग : एशिया के सबसे बड़े हिमाचली दवा उद्योग के सैम्पल फेल होने से बढी चिंता
नालागढ। एशिया में 45 फीसदी दवाएं निर्यात करने वाले हिमाचल के फार्मा उद्योगों की दवाएं सैंपलिंग में फेल हो रही हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक…