सीएनई संवाददाता, अल्मोड़ा
दिनांक — 9 सितंबर, 2020
हवालबाग ब्लाक के ज्योली, कनेली, बिसरा, कुंजारी व दिलकोट आदि गांवों को इको स्मार्ट विलेज बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इन गांवों का चयन इको स्मार्ट विलेज परियोजना के तहत किया गया है। इसी क्रम में जीबी पंत हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल अल्मोड़ा के ग्रामीण तकनीकी परिसर में इन गांवों के युवाओं को पीआरए एवं सर्वेक्षण कार्य का एक दिनी प्रशिक्षण दिया गया। ये समझाया गया कि कैसे सर्वे होगा और क्या—क्या सावधानियां बरतनी होंगी।
पर्यावरण संस्थान कोसी स्थित ग्रामीण तकनीकी परिसर में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं सामाजिक आर्थिक विकास केंद्र के प्रमुख डा. जीसीएस नेगी ने युवाओं को सर्वेक्षण की सूक्ष्म तकनीकों के बारे में बारीकी से समझाया। साथ ही सर्वे परिपत्र भरने का तरीका बताया। उन्होंने कहा कि आंकड़ों का सर्वेक्षण में विशेष महत्व होता है, क्योंकि इन्हीं आंकड़ों के आधार पर योजनाएं अस्तित्व में आती हैं। इसलिए सर्वे का कार्य अति सावधानी से होना जरूरी है। इस मौके पर हवालबाग प्रधान संगठन के अध्यक्ष देव सिंह ने कहा कि गांवों को स्मार्ट एवं आदर्श बनाने की पहल सौभाग्य की बात है। उन्होंने सर्वे कार्य को सही तरीके करने की अपील की। कुंजारी की प्रधान ममता जोशी ने युवाओं से कहा कि अपने गांव को आदर्श बनाने और गांव के विकास के लिए मिलजुलकर कार्य करेंगे।
संस्थान के वैज्ञानिक ड़़ा. सतीश आर्या ने हरित कौशल विकास के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डा. हर्षित पंत ने सर्वे प्रपत्र भरते वक्त बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया। कार्यशाला का संचालन डा. शैलजा पुनेठा व डा. हर्षित पंत जुगरान संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में डा. दीपा बिष्ट, डा. डीएस चौहान, डीएस बिष्ट, राजू कांडपाल, दीप्ति भोजक, मनोज उपाध्याय, दान सिंह आदि ने विचार रखे। कार्यशाला में डेढ़ दर्जन प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।