कुलपति ने दी बधाई
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (UOU) के 25 कर्मकांड डिप्लोमा धारकों ने भारतीय सेना में धर्म शिक्षक के रूप में भर्ती के अंतिम चरण में पहुँचकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
शनिवार को ताड़ीखेत और अल्मोड़ा कैंट क्षेत्र में अपना शारीरिक प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद ये सभी शिक्षार्थी विश्वविद्यालय पहुंचे। उनकी भर्ती प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा न आए, इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने त्वरित पहल करते हुए उन्हें प्रोविजनल डिग्री और बोनाफाइड प्रमाण पत्र प्रदान किए।
कुलपति प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी ने इस उपलब्धि पर सभी शिक्षार्थियों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने भर्ती के अंतिम दो चरणों – प्रमाण पत्र सत्यापन और साक्षात्कार – में उनकी सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।
विश्वविद्यालय से पूरा किया था शास्त्रीय अध्ययन
ये शिक्षार्थी, जो मेरठ, पौड़ी, अल्मोड़ा, हरिद्वार, मथुरा, चकराता और देहरादून जैसे विभिन्न क्षेत्रों से आए हैं, ने पहले उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय से शास्त्रीय अध्ययन पूरा किया था और उसके बाद ही उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय से कर्मकांड में डिप्लोमा प्राप्त किया।
शिक्षार्थियों ने विश्वविद्यालय की उच्च-स्तरीय पाठ्यसामग्री और कम शुल्क की सराहना की। मोहन सारश्वत नामक एक शिक्षार्थी ने बताया कि “कर्मकांड का पाठ्यक्रम बहुत ही व्यावहारिक और गुणवत्तापूर्ण है, जिसकी वजह से हमने यहां दाखिला लिया।”
इस महत्वपूर्ण अवसर पर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. गिरिजा पाण्डेय, कुलसचिव डॉ. खेम राज भट्ट, और परीक्षा नियंत्रक प्रो. सोमेश कुमार भी उपस्थित थे।
यह भी जानिए
सेना में धर्म शिक्षक (Religious Teacher/Religious Guru) के पद पर विभिन्न धर्मों के लोग कार्य करते हैं, जिनमें पंडित, ग्रंथी, मौलवी, पादरी और बौद्ध मॉन्क शामिल हैं. इन शिक्षकों का मुख्य कार्य सैनिकों का मनोबल बढ़ाना, एकता को बढ़ावा देना, और उन्हें उनके धर्म से जुड़ी बातें सिखाना होता है, ताकि उन्हें आध्यात्मिक शांति मिल सके. इस पद पर चयन के लिए शैक्षिक योग्यता, लिखित परीक्षा, शारीरिक परीक्षण, मेडिकल टेस्ट और साक्षात्कार प्रक्रिया से गुजरना होता है.

