अल्मोड़ा : चौखुटिया में रामगंगा नदी में मिला युवक का शव, हड़कंप, मां पुष्पा पर फिर टूटा पहाड़

अल्मोड़ा, 21 अगस्त।​ जिले की चौखुटिया तहसील अंतर्गत ग्राम कोट्यूड़ा का 25 वर्षीय युवक का शव रामगंगा नदी में मिला। इस व्यवहारकुशल युवक का शव…

अल्मोड़ा, 21 अगस्त।​ जिले की चौखुटिया तहसील अंतर्गत ग्राम कोट्यूड़ा का 25 वर्षीय युवक का शव रामगंगा नदी में मिला। इस व्यवहारकुशल युवक का शव मिलने की भनक लगते ही ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव नदी से निकाला और पंचनामे की कार्रवाई के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक चौखुटिया क्षेत्र की ग्राम पंचायत कोट्यूडा का रहने वाला 25 वर्षीय युवक संजय बिष्ट 20 अगस्त 2020 को गत गुरुवार दिन में घर से बाजार के लिए निकला, लेकिन देर रात तक घर वापस नहीं पहुंचा। ? व्हाट्सएप ग्रुप click now ?

इससे घर में अकेली मां पुष्पा देवी बेहद चिंतित हो उठी। मां ने शुक्रवार सुबह गांव के अन्य लोगों को बताया और गांव के लोगों के साथ सुबह बेटे की तलाश में निकल पड़ी। काफी तलाश करने के बाद सुबह करीब साढ़े सात बजे ग्रामीणों ने चौखुटिया से करीब आधा किमी दूर अखेती के पास रामगंगा नदी के किनारे एक शव अटका देखा, तो इसकी सूचना चौखुटिया थाना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही प्रभारी थानाध्यक्ष मनमोहन सिंह मेहरा फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों के सहयोग से शव को नदी से बाहर निकाला। इस शव की पहचान कोट्यूडा निवासी संजय बिष्ट उर्फ संजू के रूप में हुई।

पंचनामा कराने के पश्चात पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। यह स्पष्ट नहीं हो सका कि संजय कैसे वहां तक पहुंचा या नदी में कैसे और कब डूबा। मामले में प्रभारी थानाध्यक्ष मनमोहन मेहरा ने कहा कि प्रथम दृष्टया मौत का कारण नदी में डूब जाना समझा जा रहा है, लेकिन मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही सामने आ सकेगी।

मां पुष्पा पर टूटा पहाड़ :— मृतक संजय बिष्ट उर्फ संजू की माता पुष्पा देवी घर में सदैव अकेले ही रहती है। वजह है कि उसका पति मदन सिंह बिष्ट करीब दो दशक से गायब है, जिसका आज तक पता नहीं चला। संजय ही उसका एकमात्र सहारा था, जो दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता था। संजय कोरोना संक्रमणकाल से उत्पन्न् स्थिति के कारण गांव लौटा था। लेकिन पुष्पा देवी का दुर्भाग्य कि आज यह एकमातत्र सहारा भी उसका नहीं रहा। कलेजे के टुकड़े के चले जाने के बाद से मां पुष्पा बदहवास सी पड़ी है। पूरे गांव में शोक की लहर है। बताया जाता है कि संजय सरल व व्यवहारिक था। उसकी आकस्मिक मौत से ग्रामीण स्तब्ध हैं और उसके मौत का दुख सभी को सता रहा है। ? व्हाट्सएप ग्रुप click now ?


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