उपलब्धि : साहित्य गौरव सम्मान से नवाजे जायेंगे महेंद्र ठकुराठी व पवनेश
साहित्य सेवा के लिए पिता—पुत्र होंगे सम्मानित
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सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा। उत्तराखंड भाषा संस्थान देहरादून द्वारा कुमाउनी साहित्यकार महेन्द्र ठकुराठी और इनके सुपुत्र डॉ. पवनेश ठकुराठी को वर्ष 2024 के उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान के लिए चयनित किया गया है। वे मूलतः ग्राम बड़ालू जिला पिथौरागढ़ के निवासी हैं और वर्तमान में अल्मोड़ा में निवासरत हैं।
मिलेगी 01 लाख व 50 हजार की धनराशि
संस्थान की निदेशक स्वाति एस. भदौरिया द्वारा भेजे गए पत्रों के माध्यम से इस बात की पुष्टि की गई है कि महेन्द्र ठकुराठी को वर्ष 2022 में प्रकाशित उनके कुमाउनी कहानी संग्रह ‘हिमुलि परफाम’ के लिए उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान के तहत बहादुर बोरा पुरस्कार और डॉ. पवनेश ठकुराठी को नवोदित साहित्य उदयमान सम्मान के तहत गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ पुरस्कार से नवाजा जाएगा। बहादुर बोरा पुरस्कार के अंतर्गत एक लाख तथा गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ पुरस्कार के अंतर्गत पचास हजार रुपयों की धनराशि के साथ सम्मान चिन्ह, सम्मान पत्र और अंगवस्त्र का अंतर्भाव है।
उपरोक्त पुरस्कार आगामी 3 मार्च 2025 को आई आर डी टी सभागार, सर्वे चौक देहरादून में आयोजित एक अलंकरण समारोह में दिए जाएंगे। इस कार्यक्रम में सुभाष पंत को उत्तराखंड साहित्य भूषण पुरस्कार, गोपाल दत्त भट्ट को गुमानी पंत पुरस्कार, शशिभूषण बडौनी को महादेवी सम्मान और मोहन जोशी को शेर सिंह बिष्ट अनपढ़ पुरस्कार समेत कई अन्य पुरस्कार दिए जाने हैं।
ज्ञातव्य है कि महेन्द्र ठकुराठी और डॉ. पवनेश ठकुराठी विगत कई वर्षों से हिंदी व विशेष रूप से कुमाउनी भाषा साहित्य के क्षेत्र में अनवरत रूप से काम कर रहे हैं। इनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में इनकी रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। कुमाउनी कहानी, कविता, व्यंग्य, नाटक, संस्मरण, समालोचना, जीवनी और बाल साहित्य विधाओं में नियमित रूप से ये कलम चला रहे हैं। अनेक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है।