UP News | उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में इंजीनियर दूल्हा साइकिल से बारात लेकर पहुंचा। शेरवानी पहनकर दूल्हे ने 100 बारातियों के साथ 10 किलोमीटर साइकिल चलाई। जहां-जहां से बारात गुजरी, वहां देखने वालों की भीड़ लग गई। दूल्हे ने बताया, ‘मैं कृषि विभाग में इंजीनियर हूं। मैं चाहता हूं कि पर्यावरण शुद्ध रहे, इसलिए साइकिल से बारात निकाली।’ बारात में आतिशबाजी भी नहीं हुई। हालांकि, दुल्हन कार से ससुराल पहुंची। मामला मानधाता इलाके के पूरे खरगराय गांव का है।
लोगों ने पूछा- गाड़ी नहीं है, बारात कैसे जाएंगे
दूल्हा नमन तिवारी प्रतापगढ़ के विश्वनाथगंज गंज का रहने वाला है। उसके पिता अजय तिवारी पर्यावरण सेना संस्था के प्रमुख हैं। 6 महीने पहले उसकी शादी प्रयागराज के प्रिंशू मिश्रा से तय हुई थी। दुल्हन प्रिंशू ग्रेजुएट हैं। दूल्हे ने बताया कि एक महीने पहले पिता ने मुझसे साइकिल से बारात निकालने की बात कही। मैं भी राजी हो गया। सोमवार को घर आए मुझसे पूछा कि गाड़ी नहीं है, बारात कैसे जाएंगे। इस पर मैंने कहा- हम पर्यावरण का संदेश देंगे, इसलिए सभी बाराती मेरे साथ साइकिल से ही बारात चलेंगे। जब हमने यह बात लड़की को बताई, तो वह भी एक बार नाराज हुई, लेकिन फिर मेरी बात मान गई। शादी में हमने एक भी पटाखा फोड़ने नहीं दिया। नमन ने बताया कि साइकिल से 10 किमी चलने के बाद हमने कार का इंतजाम किया था। इसके बाद बारात कार से दुल्हन के घर पहुंची।
सोमवार शाम को गाजे-बाजे के साथ साइकिल से बारात निकली, जिस रास्ते से बारात गुजरी, वहां बारात को देखने के लिए भीड़ लग गई। लोगों ने दूल्हे के साथ सेल्फी ली। महिलाएं छतों से वीडियो बनाती नजर आईं। दूल्हे के पिता ने बताया कि पर्यावरण सुरक्षा का संदेश देने के लिए साइकिल से बारात निकाली गई। अखबारों में पढ़िए, तो पता चलता है कि दिल्ली-NCR की हवा सांस लेने लायक नहीं बची है, इसलिए पर्यावरण को लेकर हमें अलर्ट रहना है। हमें अभी से अपने-अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए।