अल्मोड़ा: सांस्कृतिक नगरी का ऐतिहासिक मल्ला महल में व्यापक चहल—पहल

✍️ केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा ने किया तीन दिनी अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल का शुभारंभ ✍️ देशभर से कला, इतिहास, पर्यावरण से जुड़े विशेषज्ञ जुटे, रंगारंग…

सांस्कृतिक नगरी का ऐतिहासिक मल्ला महल में व्यापक चहल—पहल

✍️ केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा ने किया तीन दिनी अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल का शुभारंभ
✍️ देशभर से कला, इतिहास, पर्यावरण से जुड़े विशेषज्ञ जुटे, रंगारंग प्रस्तुतियां
✍️ स्थानीय उत्पादों, चर्चित पुस्तकों के स्टाल लगे, फोटो प्रदर्शनी भी खास

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: सांस्कृतिक नगरी के ऐतिहासिक मल्ला महल में आज से व्यापक चहल—पहल शुरु हो गई है। यहां आज अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल के द्वितीय संस्करण का भव्य आगाज हो गया है। जिसका उद्घाटन केंद्रीय सड़क राज्यमंत्री अजय टम्टा ने किया। महोत्सव में कई प्रमुख अतिथि, विशेषज्ञ व नामी कलाकार पहुंचे हैं। जहां लोक कलाकारों रंगारंग प्रस्तुतियों से लोक संस्कृति के संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। वहीं कई प्रमुख मुद्दों पर विशेषज्ञ चर्चा कर रहे हैं।

ग्रीन हिल्स ट्रस्ट के तत्वाधान में आयोजित तीन दिवसीय अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय सड़क राज्यमंत्री अजय टम्टा ने कहा कि हमें अपनी सांस्कृतिक व ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण के लिए सदैव तत्पर रहना होगा। उन्होंने कहा कि यह अल्मोड़ा की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का अच्छा प्रयास है। सभी को ऐसे प्रयासों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए, ताकि हमारी सांस्कृतिक धरोहर धूमिल न पड़ने पाए और नई पीढ़ी का अपनी संस्कृति से जुड़ाव बढ़ेगा। यह भी कहा कि अल्मोड़ा की विशिष्ट पहचान को आंच नहीं आने दी जाएगी और इस आयोजन में उनका हरसंभव सहयोग रहेगा। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि अल्मोड़ा के विधायक मनोज तिवारी, पूर्व विधायक कैलाश शर्मा, पालिका के निवर्तमान अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी व पर्यावरणविद् डा. ललित पांडे आदि ने अपने विचार रखते हुए साहित्य, कला व संस्कृति के साथ ही पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया और इसी उद्देश्य से आयोजित इस महोत्सव की सफलता के लिए शुभकामनाएं प्रदान की। कार्यक्रम का आरम्भ हिमालयी मौ, नटराज संस्था अल्मोड़ा की भव्य प्रस्तुति से हुआ। वहीं लोक गायक हर्ष काफ़र के ओपन माइक किस्से का आयोजन हुआ।

इस महोत्सव से मल्ला महल में व्यापक चहल—पहल है। जहां देशभर से नामी लेखक, पर्यावरणविद्, इतिहासविद्, कला के माहिर व सामाजिक चिंतक हिस्सा ले रहे हैं। तीन दिन चलने वाले इस महोत्सव में 30 से अधिक सत्रों में रचनात्मक कला, लेखन, लोककला एवं फोटोग्राफी से संबंधित महत्वपूर्ण चर्चाएं होंगी। मेले में आज भी कई विषयों पर सकारात्मक परिचर्चा हुई। इस लिटरेचर फेस्टिवल में कई स्टॉल भी लगे हैं। वहीं नामी लेखकों के पुस्तकों व स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी व स्टाल सजे हैं। वहीं ऐतिहासिक धरोहरों, पहाड़ की संस्कृति व कला से जुड़ी भव्य फोटो प्रदर्शनी लगी है। जिनका कला प्रेमी गहनता से अवलोकन कर रहे हैं।

कार्यक्रम में ग्रीन हिल ट्रस्ट की सचिव एवं फेस्टिवल की संयोजक डॉ. वसुधा पंत समेत डॉ. भूपेंद्र सिंह वल्दिया, मनमोहन चौधरी, जयमित्र बिष्ट, एड. विनायक पंत, दीपा गुप्ता, प्रो. हामिद, मनोज गुप्ता, प्रो. जेएस रावत, सुमन शाही, रमोला बुटालिया, नवीन जोशी, प्रतुल जोशी, अदिति माहेश्वरी गोयल, दिवा भट्ट, मीता उपाध्याय, रश्मि सेलवाल, विपुल कार्की समेत कई गणमान्य लोग शामिल रहे।

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