उपलब्धि: मृदा परीक्षण में अल्मोड़ा जनपद को प्रदेश में पहला स्थान

✍️ आकांक्षी ब्लाक स्याल्दे के सैकड़ों नमूनों का शत—प्रतिशत विश्लेषण ✍️ मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना को साकार करने की दिशा में कारगर कदम ✍️ मिटृी…

मृदा परीक्षण में अल्मोड़ा जनपद को प्रदेश में पहला स्थान

✍️ आकांक्षी ब्लाक स्याल्दे के सैकड़ों नमूनों का शत—प्रतिशत विश्लेषण
✍️ मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना को साकार करने की दिशा में कारगर कदम
✍️ मिटृी की कृषि उत्पादकता ताकत मापकर किसान उठा रहे लाभ

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: अल्मोड़ा के कोसी स्थित कृषि विभाग की जनपदीय मृदा परीक्षण प्रयोगशाला किसानों के लिए कारगर सिद्ध हो रही है। जो सरकार की मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इसके सफलतम कदमों का ताजा उदाहरण ये है कि इस लैब ने आंकाक्षी विकासखण्ड स्याल्दे के मिट्टी के 670 नमूनों का शत-प्रतिशत विश्लेषण किया है और इसके लिए अल्मोड़ा जनपद ने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। अब तक के अधिकांश नमूनों की जांच में यह बात भी सामने आई है कि पिछले कुछ वर्षों से आर्गेनिक कार्बन मिट्टी में कम हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि अल्मोड़ा के कोसी में जनपदीय मृदा परीक्षण प्रयोगशाला ​स्थापित है, जो नवीनतम उपकरणों से सुसज्जित है। फलस्वरूप विभिन्न मानकों के दृष्टिगत मृदा परीक्षण की सुविधा यहां उपलब्ध है और किसानों के खेतों की मिट्टी की कृषि उत्पादकता ताकत का विश्लेषण किया जा रहा है। कृषि विभाग अल्मोड़ा द्वारा कृषकों के खेतों में पोषक तत्वों की उपलब्धता की जांच करने व पोषक तत्वों की कमी के अनुरुप खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करने के लिए वर्ष 2024-25 में कुल 9000 मिट्टी के नमूने विभाग की कोसी स्थित प्रयोगशाला में जांच करने का लक्ष्य रखा गया है। जनपद में आंकाक्षी विकासखण्ड के रुप में चयनित विकासखण्ड स्याल्दे के 670 नमूनों का शत-प्रतिशत विश्लेषण कर अल्मोड़ा जनपद ने प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
12 मानकों पर होती हैं जांच

मिट्टी के नमूना परीक्षण की प्रकिया में कुल 12 मानकों के आधार पर मिट्टी की जांच की जाती है। इस जांच के जरिये मिटृी में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, सल्फर, जिंक, लोहा, कॉपर, मैंगनीज, बोरान तत्वों एवं पीएच, ईसी एवं ओसी की मात्रा का पता लगाया जाता है और उस अनुरुप खाद, उर्वरक एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता का पता लगाया जा सकता है। इसके बाद इसकी सम्पूर्ण जानकारी मृदा स्वास्थ्य कार्ड के जरिये से कृषकों को उपलब्ध करायी जाती है, ताकि भूमि में पोषक तत्वों की उपलब्धता के अनुसार फसल का चयन किया जा सके और कमी की पूर्ति के लिए जरुरी खाद व उर्वरकों का प्रयोग किया जा सके।
मिट्टी में आर्गेनिक कार्बन की घटोत्तरी

अल्मोड़ा जनपद की मिट्टी में अब तक की जांच में अधिकांश नमूनों में पोटाश की पर्याप्त उपलब्धता पायी गई है और नाइट्रोजन, फास्फोरस, सल्फर, जिंक, लोहा, कॉपर, मैंगनीज, बोरॉन आदि तत्वों की मध्यम उपलब्धता पाई है। यह भी पाया गया है कि आर्गेनिक कार्बन की विगत वर्षों में लगातार कम हो रहा है। इसके निदान के लिए कृषि विभाग द्वारा पर्याप्त मात्रा में कम्पोस्ट खाद का प्रयोग करने की सलाह कृषकों दी जा रही है।
छात्रों को भी मिल रही ट्रेनिंग

विभाग ने केन्द्रीय विद्यालय अल्मोड़ा के छात्रों को मिट्टी परीक्षण का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि छात्र प्रशिक्षण का अपने व्यवहारिक जीवन में उपयोग कर सके।
मृदा परीक्षण बढ़ायेगा कृषि उत्पादन: विनोद शर्मा

मुख्य कृषि अधिकारी विनोद शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि जनपद के समस्त कृषक निर्धारित शुल्क देकर अपने खेतों की मिट्टी का परीक्षण प्रयोगशाला में करा सकते हैं और मृदा परीक्षण के अनुसार फसलों का चयन कर सकते हैं तथा मिट्टी में उर्वरता की कमी का पता लगाकर जरुरी खाद व पोषक तत्वों की पूर्ति कर सकते हैं, ताकि कृषि उत्पादन के क्षेत्र में व्यापक सुधार लाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मृदा परीक्षण उपरांत किसान आवश्यकतानुसार पोषक तत्वों का प्रयोग कर रहे हैं और इससे अच्छी फसल ले रहे हैं। साथ ही खर्च में कमी से धन की बचत भी हो रही है।


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