अल्मोड़ा: अनधिकृत रूप से पोस्टर—बैनर लगाने पर एफआईआर करने के निर्देश

✍️ छात्रसंघ के संभावित प्रत्याशियों ने सार्वजनिक सम्पत्तियों को पोस्टर—बैनरों से पाटा ✍️ जिला प्रशासन ने लिया संज्ञान, नगर निगम से तत्काल हटवाने को कहा…

अनधिकृत रूप से पोस्टर—बैनर लगाने पर एफआईआर करने के निर्देश

✍️ छात्रसंघ के संभावित प्रत्याशियों ने सार्वजनिक सम्पत्तियों को पोस्टर—बैनरों से पाटा
✍️ जिला प्रशासन ने लिया संज्ञान, नगर निगम से तत्काल हटवाने को कहा

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा के आगामी छात्रसंघ चुनाव के कुछ संभावित प्रत्याशियों ने प्रचार करने के लिए इनदिनों जगह—जगह पोस्टर व बैनर चस्पा कर दिए हैं। लिंगदोह कमेटी के प्रावधानों को दरकिनार रख सार्वजनिक सम्पत्तियों को भी पोस्टरों से पाट दिया है। इस पर जिला प्रशासन ने संज्ञान ले लिया है। उप जिलाधिकारी सदर जयवर्धन शर्मा ने संबंधित संभावित प्रत्याशियों से तत्काल सार्वजनिक सम्पत्तियों से पोस्टरों व बैनरों को हटा लेने को कहा है। इसके बाद प्रशासन इन्हें हटाएगा और इसमें आने वाले खर्च की वसूली संबंधित प्रत्याशी से होगी। उन्होंने अब ऐसा होने पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी दिए हैं।

उप जिलाधिकारी सदर जयवर्धन शर्मा ने बताया कि अल्मोड़ा नगर अंतर्गत विभिन्न सार्वजनिक सम्पत्तियों में एसएसजे परिसर अल्मोड़ा के छात्रसंघ के कतिपय संभावित प्रत्याशियों ने अनधिकृत रूप से पोस्टर व बैनर लगाये हैं। उन्होंने बताया कि छात्रसंघ प्रत्याशियों द्वारा सार्वजनिक सम्पत्तियों में चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए पोस्टर व बैनर आदि लगाना लिंगदोह कमेटी के प्रावधानों के विरूद्ध है। इसी क्रम में जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय द्वारा दिए गए निर्देशानुसार एसडीएम सदर ने अधिशाषी अधिकारी, नगर निगम, अल्मोड़ा को निर्देश दिए हैं कि सार्वजनिक सम्पत्तियों में अनधिकृत रूप से पोस्टर व बैनर लगाने वाले छात्रसंघ के प्रत्याशियों की पहचान की जाए और उनसे तत्काल इन पोस्टरों व बैनरों को हटवाया जाए।
उन्होंने कहा है कि इसके बाद भी उनके द्वारा पोस्टर—बैनर नहीं हटाए जाते, तो इन्हें हटवाया जाए और हटाने में आने वाले व्यय भार की वसूली संबंधित से की जाए। एसडीएम सदर ने साफ निर्देश दिए हैं कि यदि हिदायत के बाद पोस्टर व बैनर लगाने वाले किसी प्रत्याशी द्वारा सार्वजनिक सम्पत्तियों से अपने बैनर व पोस्टर लगाए जाते हैं, तो सम्बन्धित के विरूद्ध उत्तराखण्ड लोक सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 2003 के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाए।

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