सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: एससी—एसटी शिक्षक एसोसिएशन ने आरक्षण में उपवर्गीय तथा क्रीमीलीयर के नियम को लागू करने की अनुमति के लिए संसद में पुनर्विचार करने की मांग की है। उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है।
एसोसिएशन ने कहा कि राज्य सरकारों को एससी—एसटी के निर्धारित आरक्षण में उप वर्गीय एवं क्रीमीलेयर को इस वर्ग के आरक्षण से बाहर रहने की अनुमति दी गई है। संविधान के अनुच्छेद 341 के अनुसार, अनुसूचित जाति, जनजातियों की सूची तैयार करने, उसमें परिवर्तन का अधिकार राष्ट्रपति के पास है। जिसके लिए संसद की अनुमति अनिवार्य है। संगठन ने राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में कहा है कि केंद्र में अनुसूचित जाति में 1598 व जनजाति में 744 जातियां सूचीबद्ध हैं। प्रत्येक राज्य की अपनी अलग से सूची है। केंद्र व राज्यों में मिलाकर दोनों वर्गों में 06 हजार से भी अधिक जातियां हैं। इसके अंदर भी बहुत सी उपजातियां हैं। ऐसे में इन वर्गों सूचीबध जातियों को आरक्षण को उपवर्गीय आरक्षण में विभाजित कर लागू करना अव्यवहारिक होगा। ज्ञापन देने वालों में संगठन के अध्यक्ष संजय कुमार टम्टा, महेंद्र प्रकाश आदि उपस्थित थे।