अल्मोड़ा : दुष्कर्मी को न्यायालय से नही मिली जमानत, पढ़िये क्या था पूरा मामला….

अल्मोड़ा। नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी की जमानत याचिका न्यायालय ने खारिज कर दी है। आरोपी पर नाबालिग को डरा—धमका उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध स्थापित करने का आरोप है, जिससे वह गर्भवती हो गई।
जानकारी के मुताबिक विशेष सत्र न्यायाधीश प्रदीप पंत की अदालत में आरोपी संदीप आर्या की ओर से जमानत याचिका दाखिल की गई थी। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता पूरन सिंह कैडा ने दलील दी कि अपराधी शातिर किस्म का है और उसको जमानत देने से पीड़िता की जान को खतरा पैदा हो सकता है। अभियोजन की कहानी के अनुसार पीड़िता के परिजनों ने 12 जुलाई 2020 को को लमगड़ा थाने में दी गई शिकायत में लमगड़ा निवासी संदीप उर्फ सतीश चन्द्र पर नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया था। शिकायती पत्र में कहा गया था आरोपी संदीप आर्या ने नाबालिग को डरा धमकारकर उसके साथ जबरन शारीरिक संबध बनाये और वह गर्भवती हो गई। पत्र में कहा गया था कि आरोपी 12 जुलाई को नाबालिग को बहला— फुसलाकर अल्मोड़ा लाकर गर्भपात करवाने का प्रयास कर रहा है । इस मामले में थाना लमगड़ा में धारा 363, 313, 511, 506 तथा पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपी संदीप कुमार उर्फ सतीश चन्द्र को पुलिस ने अल्मोड़ा लिंक रोड के पास से गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया था। पीड़िता का मेडिकल कराये जाने के बाद पता चला कि उसके पेट में सात माह का गर्भ है। पीड़िता ने बताया कि दो वर्ष से संदीप उसके साथ जबरन शारीरिक संबध बना रहा है और मना करने पर जान से मारने की धमकी देता है। अदालत में हुई सुनवाई के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश प्रदीप पंत की अदालत ने न्यायालय ने नाबालिग से दुराचार के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता पूरन सिंह कैड़ा के साथ सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता शेखर चन्द्र नैनवाल ने भी पैरवी की।