सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर | नगर में गुलदार की दहशत कम नहीं हो सकी है। मजियाखेत में बकरियां मारने के बावजूद वह रात में फिर धमक गया। वहीं, कठायतबाड़ा में गुलदार की दहाड़ से लोग शाम होते ही घरों में कैद होने लगे हैं। देर शाम व्यापार आदि से निपटने के बाद घर लौटने वाले और मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले भी भयभीत हैं। वन विभाग लगातार डुग-डुग कर रहा है। लेकिन गुलदार को नगर से भगाने का कोई ठोस इंतजाम उसके पास भी नहीं है।
मजियाखेत, कफलखेत के लोग दहशत में हैं। उनकी चार बकरियां मार दी गई हैं। जबकि तीन बकरियों का अभी भी सूराग नहीं लग सका है। पूरा जंगल छान मारने के बाद पशुपालक लौट आए हैं। बकरी पालक बालम सिंह कार्की ने बताया कि बीते बुधवार की रात और गुरुवार की सुबह गुलदार फिर गांव के आसपास दहाड़ रहा था। छोटे बच्चे और बुजुर्गों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। उन्होंने वन विभाग से मुआवजे की मांग की है।
उधर, कठायतबाड़ा और ठाकुरद्वारा में भी गुलदार की धमक से लोग दहशत में हैं। मॉर्निंग वॉक लोगों ने बंद कर दिया है। हालांकि वन विभाग की टीम रात में गश्त कर रही है। डुगडुगी पीट रही है। गुलदार की दहाड़ विभागीय अधिकारी भी सुन रहे हैं। लेकिन गुलदार को शहर से भगाने का उनके पास कोई साधन नहीं है।
वहीं, कठायतबाड़ा के दांगण क्षेत्र में झाड़ियों का कटान नहीं हो सका है। गुलदार के झुपने के लिए झाड़ियां मुफीद साबित हो रही हैं। जिससे बड़ी घटना का भय बना हुआ है। आरओ श्याम सिंह करायत ने लोगों से सावधान रहने को कहा है।