बागेश्वर: चरस तस्करी के आरोपी को 10 साल की कठोर कारावास की सजा, 01 लाख का अर्थदंड

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: विशेष सत्र न्यायाधीश आरके खुल्बे ने चरस तस्करी के मामले में एक आरोपी को दस साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई है और एक लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड जमा नहीं करने पर छह महीने का अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा।
घटनाक्रम के अनुसार 11 अगस्त 2022 को कोतवाली में तैनात एसआई लोकेश रावत पुलिस दलबल के साथ गश्त पर थे। आरे-बाइपास में वाहनों की चेकिंग के दौरान उन्हें एक व्यक्ति संदिग्ध अवस्था में आता दिखा। उसके हाथ में एक सफेद रंग का बैग था। पुलिस की चेंकिंग देख वह तेजी से वहां से भागने लगा। पुलिस ने तेजी से भागकर उसे बाइपास के पास पकड़ लिया। पकड़े गए व्यक्ति से पूछताछ की तो उसने अपना नाम भगत सिंह दानू पुत्र नेत्र सिंह दानू निवासी ग्राम बाछम कपकोट बताया। बैग में चरस होने की बात की। इसके बाद पुलिस ने उसकी तलाशी ली, तो उसके पास एक किलो, 512 ग्राम चरस बरामद हुई। सीओ की देखरेख में उसका वजन किया गया। उसे गिरफ्तार कर कोतवाली में ले आए।
इसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज किया। आरोपी को अदालत में पेश किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी जिला शासकीय अधिवक्ता गोविंद बल्लभ उपाध्याय तथा सहायक जिला शासकीय अधिवक्त चंचल पपेाला ने पैरवी की। मामले में दस गवाह पेश किए। गुरुवार को पत्राविलियों का अवलोकन करने तथा गवाहों को सुनने के बाद जिला सत्र न्यायाधीश ने आरोपी को दोष सिद्ध पाया और दस साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई।