देहरादून। सम्बलपुर(उड़ीसा) से अपहरण के मामले में वांछित मुख्य आरोपी को दून पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ने सम्बलपुर में एक व्यापारी के अपहरण में मुख्य भूमिका निभाई है। डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने टीम को बधाई देते हुए मामले की जानकारी सम्बलपुर को दे दी है। जानकारी के अनुसार 25 जुलाई को पुलिस अधीक्षक सम्बलपुर, उडीसा द्वारा जरिये दूरभाष पुलिस उपमहानिरीक्षक व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून से वार्ता कर उन्हें अवगत कराया कि सम्बलपुर जिले के सासन थाना क्षेत्र से 10 जुलाई को नामी कन्सट्रक्शन कारोबारी का 4 व्यक्तियों द्वारा अपहरण किया गया था। उक्त घटना में वांछित मुख्य आरोपी राजीव दुआ, जिसके द्वारा अपहरण की घटना का पूरा प्लान तैयार किया गया था, मूल रूप से जनपद देहरादून का ही रहने वाला है तथा वर्तमान में देहरादून में कहीं छुपा हुआ है। साथ ही सम्बलपुर जिले से अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु 55 सीआरपीसी का नोटिस जरिये फैक्स प्राप्त हुआ। मामले की गम्भीरता के दृष्टिगत पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा तत्काल क्षेत्राधिकारी डोईवाला/एसओजी, दिनेश चंद्र ढौंडियाल के नेतृत्व में टीम गठित करते हुए दुआ की छानबीन शुरू की गई। दुआ की गिरफ्तारी के लिए टीम ने अपने मुखबिर बिछा दिए। इलैक्ट्रानिक सर्विलांस की सहायता से भी अभियुक्त के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी, इसी दौरान सर्विलांस के माध्यम से टीम को जानकारी प्राप्त हुई की राजीव दुआ, रायपुर क्षेत्र में कहीं छुपा हुआ है। जिस पर प्रभारी निरीक्षक एसओजी तथा थानाध्यक्ष रायपुर के नेतृत्व में संयुक्त टीम द्वारा अभियुक्त राजीव दुआ की तलाश हेतु अभियान चालाया गया तथा मुखबिर खास की सूचना पर अभियुक्त राजीव दुआ को आज 26 को डोभाल चौक, रायपुर के पास से गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त की गयी स्विफ्ट कार व मोबाइल फोन बरामद किया गया। दुआ 5 अंसारी मार्केट, पल्टन बाजार, देहरादून का रहने वाला है।
पूछताछ में आरोपी राजीव दुआ द्वारा बताया गया कि उसकी पल्टन बाजार में कपड़े की दुकान थी, परन्तु कारोबार ठीक से न चल पाने के कारण वह वर्ष 2018 में अपने मामा रमेश आहुजा के पास सम्बलपुर, उड़ीसा चला गया तथा वहां अपना कपड़ों का कारोबार शुरू किया, लेकिन कारोबार न चल पाने के कारण उसपर काफी कर्जा हो गया। कारोबार के दौरान उसकी मुलाकात एक संबलपुर निवासी सैफ से हुई, जो पेंट का काम करता था तथा अक्सर मेरी दुकान पर कपड़े लेने आता था। सैफ ने ही उसकी मुलाकात राजा से करवाई गयी, चूंकि ये तीनों व्यक्ति काफी कर्जे में डूबे हुए थे, इसलिये तीनों ने मामा के पड़ोस में रहने वाले एक कारोबारी नरेश अग्रवाल का अपहरण कर फिरौती मांगने की योजना बनाई । योजना के मुताबिक पहले उन्होंने तीन से चार माह तक नरेश अग्रवाल के आने-जाने तथा रोजमर्रा के कार्यों की रैकी की, इस दौरान उन्होंने पाया कि नरेश अग्रवाल का सैशन बाईपास चौक के पास एक प्लाट था, जिसमें निर्माण कार्य चल रहा था तथा वह निर्माण कार्यों का जायजा लेने रोज उस प्लाट पर जाता था, इस पर तीनों ने प्लाट के पास से ही उसका अपरहण करने की योजना बनाई तथा दिनांक: 10 जुलाई को पूर्व नियोजित योजना के तहत दुआ ने अपने साथियों को ऐडावाली चौक सम्बलपुर में मिलने के लिये बुलाया। अपहरण के लिये उसने अपनी कार का इस्तेमाल किया तथा उसकी नम्बर प्लेट चेंज कर दी। वहां से वह, सैफ,राजा तथा एक अन्य व्यक्ति, जिसे राजा अपने साथ लाया था, को लेकर सैशन बाईपास चौक के पास उक्त प्लाट पर पहुंचा, उनके पास नारियल काटने वाले हथियार थे। जैसे ही नरेश अग्रवाल प्लाट से वापस जाने के लिये अपनी गाडी की ओर गया, दुा के तीन अन्य साथियों ने उसे पकडकर उसकी गाडी में बैठा लिया तथा वहां से सभी फरार हो गये। योजना के मुताबिक वे उसे बेहोश करके पहले से ही किराये पर लिये गये एक मकान में ले गये। अपहरण करने के पश्चात वे उसके परिजनों को फिरौती के लिये फोन करने ही वाले थे कि उन्हें पता चला कि पुलिस द्वारा नरेश अग्रवाल की तलाश हेतु जगह-जगह छापेमारी व चैकिंग की जा रही है। जिससे अपहरणकर्ता काफी घबरा गये तथा उसी दिन लगभग 7 से 8 घंटे के बाद नरेश अग्रवाल को उसके घर के ही पास छोडकर फरार हो गये। उसके पश्चात दुआ 18जुलाई को अपनी कार से उडीसा से देहरादून आ गया था।
पुलिस टीम में क्षेत्राधिकारी डोईवाला व एसओजी दिनेश चन्द्र ढौंडियाल,एसओजी प्रभारी निरीक्षक एश्वर्य पाल, थानाध्यक्ष अमरजीत सिंह, एसओजी के एसएसआई मोहन सिंह, रायपुर थाने के एसएसआई अजय रावत, सिपाही अमित,पंकज,ललित,देवेंद्र,विपिन, आशीष शर्मा व एसओजी के जवान प्रमोद आदि शामिल थे।
देहरादून ब्रेकिंग : उड़ीसा के कारोबारी का किडनैपर देहरादून में गिरफ्तार, यह सुनाई कहानी
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