अतीक को बेटे असद से 5 कदम दूर दफनाया गया, हत्या का मामला SC पहुंचा

बड़े अपडेट्स
⏩ प्रयागराज में इंटरनेट सर्विस आज यानी 17 अप्रैल को भी बंद रहेगी। इससे पहले रविवार को भी इंटरनेट बंद रहा है।
⏩ रविवार को अतीक-अशरफ का पोस्टमॉर्टम हुआ। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट के मुताबिक, अतीक को 8 गोलियां लगीं। वहीं अशरफ को 6 गोलियां मारी गईं थी।
⏩ MP के पूर्व CM कमलनाथ ने कहा कि अतीक-अशरफ की हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए।
UP NEWS | प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ को रविवार रात 8:30 बजे कसारी-मसारी स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। दोनों के जनाजे में महज 100 लोग शामिल हुए। अतीक को बेटे असद से महज 5 कदम की दूरी पर दफन किया गया। अतीक को मिट्टी देने उसके दोनों नाबालिग बेटे भी आए, जो बाल सुधार गृह में बंद हैं। अशरफ को मिट्टी देने उसकी पत्नी जैनब और बेटी आईं।
अंतिम संस्कार में आधार कार्ड देखकर एंट्री दी गई। इसमें ऐसे ही लोगों को एंट्री मिली, जो परिवार के थे। इससे पहले पोस्टमॉर्टम हाउस से दोनों के शव को लेने बहनोई, ससुर और दो रिश्तेदार पहुंचे थे।
अतीक-अशरफ हत्याकांड सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
उधर, अतीक और अशरफ की हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। Livelaw साइट के मुताबिक, एडवोकेट विशाल तिवारी ने PIL दाखिल की है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच कराने की मांग की है। साथ ही 2017 से अब तक UP में हुए 183 एनकाउंटर की जांच की भी मांग की है।
पूरे इलाके में 10 हजार जवान तैनात रहे
अतीक-अशरफ को जिस कसारी-मसारी इलाके में दफन किया गया, वो उसका गढ़ था। यहीं से अतीक 5 बार और अशरफ एक बार विधायक चुना गया। ऐसे में दोनों की हत्या के बाद इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बेहद पुख्ता की गई थी। पुलिस, PAC और रैपिड ऐक्शन फोर्स (RAF) के करीब 10 हजार जवानों ने पूरे इलाके के चप्पे-चप्पे को कब्जे में ले रखा था। हर गली, नुक्कड़, चौराहों पर पुलिस के जवान तैनात थे। छतों पर भी पुलिस के जवान खड़े किए गए थे।
थ्री लेयर बैरिकेडिंग और चेकिंग की व्यवस्था
कब्रिस्तान से करीब 300 मीटर दूर सभी को रोक दिया गया। मीडियाकर्मियों को भी कब्रिस्तान के अंदर नहीं जाने दिया गया। इससे पहले बैरिकेडिंग करके उनके नाम और मोबाइल नंबर नोट किए गए। पुलिस कमिश्नर की अगुआई में पुलिस ने करीब 25 गाड़ियों में फ्लाइंग मार्च पास्ट भी किया।
अतीक और अशरफ को मिट्टी देने के लिए आए बहुत से लोग आधार कार्ड लेकर भी पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें एंट्री नहीं दी। इसे लेकर कई बार लोगों की पुलिस से नोक-झोंक भी हुई। आखिरकार लोगों को लौटना ही पड़ा। इस दौरान लोगों को गुस्सा भी देखने को मिला।
अतीक को आखिरी बार देखने छतों पर चढ़े लोग
अतीक-अशरफ की बॉडी पोस्टमॉर्टम के बाद जब उसके मोहल्ले से गुजर रही थी, तो तमाम लोग दोनों की आखिरी बार देखने के लिए छतों पर खड़े थे। हालांकि, लोग पाबंदियों के चलते अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए। लेकिन, इलाके की छत, बालकनी पूरी तरह से हाउसफुल रहीं। सुरक्षा की वजह से पुलिस ने भी एहतियातन लोगों से घरों में ही रहने की अपील की थी।
प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल परिसर में शनिवार रात मीडिया कैमरों के सामने मारे गए अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया था। दोनों को पुलिस अस्पताल लेकर पहुंची, लेकिन उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। जिन 3 हमलावरों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। उन्हें रविवार को कोर्ट ने 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है। हालांकि, इस हत्याकांड को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं, जिसका जवाब अभी पुलिस के पास भी नहीं है
इन सवालों के जवाब मिलना बाकी है…
⏩ हत्या के पीछे तीनों हमलावरों की निजी दुश्मनी थी या किसी ने सुपारी देकर हत्या कराई।
⏩ तीनों आरोपी अलग-अलग जिलों के हैं? वे साथ कैसे आए। कब आए। आने की वजह क्या थी।
⏩ हमलावरों ने भारत में प्रतिबंधित तुर्किये मेड जिगाना पिस्तौल से वारदात की। यह उन तक कैसे पहुंची? इसकी कीमत भी 5-6 लाख के बीच बताई जा रही है।
⏩ अतीक और अशरफ को कस्टडी से बाहर लाते-ले जाते वक्त पुलिस ने पर्याप्त सुरक्षा क्यों नहीं बरती।
⏩ मीडियाकर्मियों को बात करने की इजाजत क्यों दी गई? जबकि आम तौर पर ऐसा नहीं होता। दोनों पुलिस रिमांड पर थे।
बोले हत्यारोपी ”हमने निर्दोष लोगों को मारने वाले हत्यारों को मारा है, कोई अफसोस नहीं”