शराब घोटाला पूरी तरह से फर्जी और गंदी राजनीति से प्रेरित : सीएम केजरीवाल

नई दिल्ली | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शराब घोटाला पूरी तरह से फर्जी और गंदी राजनीति से प्रेरित है और इसलिए…

अरविंद केजरीवाल आज मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे

नई दिल्ली | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शराब घोटाला पूरी तरह से फर्जी और गंदी राजनीति से प्रेरित है और इसलिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पास कोई सबूत नहीं है।

केजरीवाल सीबीआई मुख्यालय में करीब नौ घंटे तक पूछताछ के बाद वापस आकर अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने सीबीआई अधिकारियों को अच्छे व्यवहार के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि पूरा मामला पूरी तरह से झूठा और फर्जी है। यह सिर्फ गंदी राजनीति से प्रेरित है। सीबीआई के पास कोई सबूत नहीं है। आम आदमी पार्टी कट्टर ईमानदार पार्टी है। हम मर- मिट जाएंगे, लेकिन अपनी ईमानदारी से समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि “आप” पूरे देश में तेजी से फैल रही है। हमारी दिल्ली और पंजाब में सरकार है और अब राष्ट्रीय पार्टी भी बन गई है। इसलिए ये लोग हमें बदनाम कर आप को खत्म करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि आप बहुत तेजी से पूरे देश में फैल रही है। पहले दिल्ली में सरकार बनीं, फिर पंजाब में सरकार बनीं, अब आम आदमी पार्टी नेशनल पार्टी बन गई है। आप जगह-जगह जा रही है और लोगों की उम्मीदों पर खरी उतर रही है। ये लोग आम आदमी पार्टी को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन अब यह नहीं हो सकता, क्योंकि पूरे देश की जनता हमारे साथ है।

केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई ने उनसे सबकुछ पूछा। मसलन, शराब नीति कहां से शुरू हुई, कैसे हुई और वहां से लेकर पूरा अंत तक सभी सवाल पूछे। साल 2020 से लेकर अभी तक जो कुछ भी हुआ है, उस सब के ऊपर लगभग 56 सवाल पूछे गए। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है यह पूरा केस फर्जी है।

आम आदमी पार्टी और हमारी सरकार ने कुछ गलत किया है, यह कहने के लिए इनके पास जरा भी सबूत या साक्ष्य नहीं है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के लोग आवाज उठा रहे थे, शांतीपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, फिर भी उनको गिरफ्तार किया गया। यह बिलकुल गलत है। शांतीपूर्ण प्रदर्शन करना हमारा अधिकार है, वे लोग किसी के साथ कुछ गलत नहीं कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कल विधानसभा में सदन की कार्रवाई जरूर होगी। अगर उपराज्यपाल कह रहे हैं कि ये गलत है तो उनको बताना चाहिए कि किस नियम के आधार पर यह गलत है। जब मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव पास किया तो इसमें एलजी से पूछने की कोई जरूरत ही नहीं है।

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