राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण पर कैबिनेट की मुहर
देहरादून/चमोली| आज सोमवार को एक तरफ जहां उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण विधानसभा भवन में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा सत्र की शुरुआत हुई तो वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। गैरसैंण में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य आंदोलनकारियों को नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का प्रस्ताव आया। जिस पर मुहर लग गई।
कैबिनेट में हुए कुछ अहम फैसले पढ़ें :-
➡️ विधायक निधि 3 करोड़ 75 लाख से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की गई।
➡️ महिला मंगल दलों को मिलने वाली राशि को 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दिया गया है।
➡️ कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य के मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए 25 लाख रुपये की जगह 50 लाख रुपये एक साल में दिए जाएंगे।
➡️ राज्य की नई सौर ऊर्जा नीति को मंजूरी मिली।
➡️ राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण को मंजूरी मिली।
राज्य आंदोलनकारियों को 10% आरक्षण को मंजूरी
राज्य आंदोलनकारियों को नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का वर्ष 2011 से लाभ नहीं मिल पा रहा था। पूर्व में इस विधेयक को मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया था, लेकिन राजभवन की ओर से कुछ आपत्ति के बाद इसे वापस लौटा दिया गया। उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष रवींद्र जुगरान के मुताबिक उन्होंने इस मसले पर मंत्री एवं सब कमेटी के चेयरमैन सुबोध उनियाल से बात की। मंत्री का कहना है कि इस सत्र में इस पर सकारात्मक कार्यवाही होगी।
जुगरान ने कहा, पिछले 11 साल में हजारों की संख्या में जो भर्ती परीक्षाएं हुईं उनमें आंदोलनकारी क्षैतिज आरक्षण कोटे से एक भी भर्ती नहीं हो पाई है। जुगरान ने कहा कि शहीदों, गोलीकांड में घायल आंदोलनकारियों, जेल गए आंदोलनकारियों और सक्रिय आंदोलनकारियों के आश्रितों को यह सम्मान मिलना चाहिए था, लेकिन उन्हें नहीं मिला।
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