— वजह, सिर्फ डिवाइश मशीन में फिंगर प्रिंट नहीं लग रहे
— अब मजबूरी में कमेड़ीदेवी के चक्कर काट रहे ग्रामीण
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: कांडा तहसील के झांकरा गांव में 40 साल से स्थापित पोस्ट ऑफिस छह महीने से सिर्फ इसलिए बंद है कि यहां लगी डिवाइस मशीन में पोस्टमास्टर के फिंगर प्रिंट नहीं लग रहे हैं। इसका खामियाजा यहां के खाताधारकों को भुगतना पड़ रहा है। क्षेत्र के लोगों को अपनी आरडी जमा करने से लेकर अन्य कार्यों के लिए दस किमी दूर कमेड़ीदेवी पोस्ट-ऑफिस में जाना पड़ रहा है। उम्रदराज लोगों को वहां जाने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। झांकरा से कमेड़ीदेवी के लिए कोई भी सीधा वाहन सेवा नहीं है।
मालूम हो कि झांकरा में 40 साल पहले पोस्टऑफिस स्थापित हुआ। एक साल पहले कार्यालय को (सीबीएस) कंप्यूटर बेस सिस्टम से जोड़ा गया। इसके तहत ब्रांच में आरआईसीटी डिवाइस लगाई गई। बीच में यह डिवाइस खराब हुई। हेड ऑफिस से इसे ठीक कराया गया, लेकिन जब से मशीन दोबारा आई है, तब से मशीन पोस्टमास्टर का फिंगर प्रिंट नहीं ले रही है। इससे क्षेत्र के करीब 400 खाताधारकों की समस्या बढ़ गई है। उनके खातों में पेंशन की राशि आ रही है और न वह वहां धनराशि जमा ही करा पा रहे हैं। छोट-छोटे काम के लिए उन्हें कमेड़ीदेवी पोस्टऑफिस जाना पड़ रहा है। गांव के अधिकतर खाते महिलाओं तथा बुजुर्गों के हैं। उन्हें दस किमी दूर जाने में परेशानी हो रही है। पूर्व ग्राम प्रधान गिरीश जोशी, पार्वती, कौाशल्य देवी, पुष्पा, कलावती, कुंती, खुशााल सिंह आदि ने अधिकारियों से पोस्टऑफिस की समस्या दूर करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि गांव में कई ऐसे बुजर्ग हैं जो चल तक नहीं पाते उन्हें कमेड़ीदेवी ले जाना कठिन हो रहा है। गांव में सड़क तो है, लेकिन नियमित यातायात सेवा नहीं होने से दिक्कत बढ़ रही है। उन्होंने विभाग से तकनीकी गड़बड़ी जल्द दूर करने की मांग की है। यहां तैनात पोस्टमास्टर पूजा ने बताया कि उन्होंने अपना आधार कार्ड भी अपडेट करा दिया है। उसके बाद भी डिवाइस उनका फिंगर प्रिंट नहीं ले रहा है। उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया है।
समस्या दूर की जा रही है: सिद्धनाथ
कमेड़ीदेवी पोस्ट आफिस के पोस्टमास्टर सिद्धनाथ का कहना है कि झांकरा पोस्ट आफिस के पोस्टमास्टर ने फिंगर प्रिंट नहीं लगने की शिकायत की है। समस्या से हेड पोस्ट ऑफिस को अवगत करा दिया है। जब तक समस्या का समाधान नहीं होता है, तब तक खातों में लेन-देन आदि समस्याओं का समाधान कमेड़ीदेवी से कराया जा रहा है। मशाीन ठीक होते ही संचालन गांव से होगा।