— युवा बेरोजगारों पर लाठीचार्ज को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए दी प्रतिक्रिया
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: अपनी मांगों को उठा रहे युवा बेरोजगारों पर लाठीचार्ज पर अल्मोड़ा के विधायक मनोज तिवारी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा है कि केंद्र व प्रदेश में ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ का नारा देकर सत्ता में काबिज भाजपा अब आम जनता की भावनाओं से खिलवाड़ पर उतारू है। यही वजह है कि भाजपा सरकार में जनता कमरतोड़ महंगाई, बेतहाशा भष्ट्राचार, कुप्रबंधन और अराजकता का भय झेल रही है और प्रदेश का निर्णायक मतदाता कहे जाने वाले युवा बेरोजगारों बड़े धोखे खाने को मजबूर हैं।
विधायक ने सरकार पर निशाना साधते हुए अपने बयान में कहा है कि राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखण्ड राज्य में विकास को गति देने के लिए कार्मिकों की कमी रही हैं। राज्य की प्रथम निर्वाचित एनडी तिवारी सरकार ने अपने कार्यकाल लाखों युवाओं को सरकारी नौकरी दी थी। इसके बाद हरीश रावत सरकार ने बड़े पैमाने पर युवाओं के लिए सरकारी नौकरी के दरवाजे खोले लेकिन विगत छः सालों से त्रिवेन्द्र रावत सरकार और धामी सरकार ने विशेषकर युवाओं और प्रदेश की जनता को लोक लुभावने नारों से रिझाकर उनकी भावनाओं से खेलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की धामी सरकार केवल विज्ञापनों के माध्यम से विकास की सस्ती लोकप्रियता हासिल करने में लगी है जबकि धरातल पर जनता बुनियादी समस्याओं से जूझ रही हैं।
श्री तिवारी ने कहा कि पिछले छः साल से राज्य के युवा बेरोजगार परीक्षाओं की तैयारी में जुटे है और सरकार के सिस्टम में ऐसा छेद है कि परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं, जिससे युवा ठगे गए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में पकड़े गए अपराधियों के खिलाफ मुख्यमंत्री ने कठोर कानूनी कार्यवाही की बात कही थी, लेकिन लचीले सिस्टम के कारण सभी अपराधी जेल से छूट चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने विपक्षी दल कांग्रेस और आम जनमानस की सीबीआई जांच की मांग पर गम्भीरता से विचार किया होता, तो इसमें लिप्त ऊंचे रसूख रखने वाले सफेदपोश भी जेल के भीतर होते। श्री तिवारी ने राजनैतिक तंज कसते हुए कहा कि अगले माह धामी सरकार का एक साल पूरा होने जा रहा है और पूरे साल पेपर पर पेपर लीक और भष्ट्राचार का रिकार्ड का बदनुमा दाग भाजपा सरकार पर लग चुका हैं। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था का हाल ये कि सत्ताधारी दल के वरिष्ठ विधायक बिशन सिंह चुफाल को जान से मारने की खुली धमकी मिल रही हैं। सीएम के तीन—तीन बार के कड़े निर्देशों के बावजूद आज तक सड़कें गड्ढामुक्त नहीं हो सकी हैं।
उन्होंने कहा है कि वर्तमान में बड़ी संख्या में विभागों से कार्मिक सेवा पूरी करके सेवानिवृत्त हो रहे हैं और विभागों में बड़ी संख्या में मूल पद रिक्त हो चुके हैं। विभागों में कार्मिकों के नहीं होने से जन कल्याणकारी योजनाओं का जनता को सही समय पर लाभ नहीं मिल पा रहा हैं और फरियादियों के काम लटक रहे हैं। कई अन्य कार्य प्रभावित हैं, लेकिन सरकार रिक्तियों को भर नहीं पा रही है। अब धामी सरकार प्रदेश में नौकरी मांग रहे युवा शिक्षित-प्रशिक्षित बेरोजगारों पर पुलिस बल का रौब दिखाकर लाठी-डन्डों से उनका दमन कर रही है। जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।