— डीएम वंदना ने ली बैठक, कलस्टर के रूप में योजना शुरू करने के निर्देश
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: जिले में ‘गोट वैली योजना’ को ‘हब’ एवं ‘स्पॉक’ मॉडल के रूप में चलाया जाएगा। जिलाधिकारी वंदना ने योजना के क्रियान्वयन के लिए एक कलस्टर के रूप में इसे शुरू करने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि हर जरूरतमंद एवं इच्छुक किसान को योजना से लाभान्वित किया जाए।
योजना के क्रियान्वयन के लिए जनपद स्तर पर गठित समिति की बैठक आज कलेक्ट्रेट में बैठक लेते हुए जिलाधिकारी वंदना ने योजना के क्रियान्वयन तथा हर जरूरतमंद को योजना से लाभान्वित करने के संबंध में अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों के चयन में योजना महज औपचारिक नहीं रहने पाए, बल्कि इसका लाभ पात्र लाभार्थियों को मिले, यह लक्ष्य हो। जिलाधिकारी ने कहा कि योजना को बड़े क्षेत्र के बजाय छोटे क्षेत्र में लागू करें तथा पात्र एवं इच्छुक व्यक्तियों को ही चुनें। योजना को एक कलस्टर के रूप में शुरू करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. उदयशंकर ने योजना के बारे में विभिन्न जानकारियां दीं और बताया कि ‘गोट वैली योजना’ की स्थापना “हब” एवं “स्पॉक” मॉडल में की जाएगी। इस दौरान उन्होंने योजना में चयन होने के विभिन्न मापदंड एवं प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में जिला विकास अधिकारी केएन तिवारी समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
ये है “गोट वैली योजना”
उत्तराखंड में बकरी पालन जीविका उपार्जन का एक महत्वपूर्ण साधन है। राज्य में पलायन की समस्या के निराकरण एवं रोजगार के सुलभ अवसर प्रदान करने में बकरी पालन एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है। उत्तराखंड राज्य के समस्त घाटी व मैदानी क्षेत्रों में बकरी पालन का मूल्य श्रंखला आधारित व्यवसायिक मॉडल स्थापित कर ग्रामीण आर्थिकी के उत्थान में समुचित अवसर उपलब्ध कराने, बकरी पालन गतिविधि को सहयोग तथा सशक्तिकरण करने के लिए पशुपालन विभाग उत्तराखंड एवं उत्तराखंड राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना “भेड़ बकरी सेक्टर” के माध्यम से उत्तराखंड के समस्त जिलों के पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों की स्थापना की गई है।