✒️ डिप्टी एसपी से बना दिया दरोगा
✒️ गैंगरेप को मामले को घूस लेकर किया रफा-दफा
सीएनई डेस्क
सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले को निपटाने के लिए 05 लाख रूपये की घूस लेने वाले एक डिप्टी एसपी का डिमोशन कर उसे दोबारा दरोगा बना दिया गया है। यूपी की योगी सरकार ने आरोपी का वीडियो वायरल होने के बाद आरोपों की पुष्टि हो जाने के बाद यह बड़ा आदेश जारी किया है।
बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के जालौन जिले की PTC Branch में तैनात डिप्टी एसपी विद्या किशोर शर्मा को मौजूदा पद से हटा कर एसआई बना दिया गया है। विगत वर्ष शर्मा का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे झोले में नोटों के बंडल लेते साफ दिखाई दे रहे हैं। बताया गया है कि उक्त वीडियो तब का है जब वे रामपुर में डिप्टी एसपी पद पर कार्यरत थे। खुलासा यह हुआ है कि गैंगरेप के एक मामले को निपटाने की एफज में उन्होंने 5 लाख रुपए की रिश्वत ली थी। इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं ट्वीट कर यह जानकारी साझा की है।
यह था पूरा मामला –
यह बात साल 2021 की है, जब यूपी के रामपुर की एक महिला ने 9 सितंबर को अस्पताल संचालक विनोद यादव और तत्कालीन इंस्पेक्टर रामवीर यादव पर उसके साथ गैंगरेप करने का आरोप लगाया था। कहा जा रहा है कि महिला की शिकायत के बावजू पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठीरही और आरोपियों के खिलाफ कोई एक्शन भी नहीं लिया गया। इसे बाद में रामपुर के डिप्टी एसपी विद्या किशोर शर्मा का घूस लेते हुए वीडियो अचानक वायरल हो गया। जिसके बाद इंस्पेक्टर रामवीर यादव और अस्पताल संचालक विनोद यादव पर FIR दर्ज की गई और उन्हें दिसंबर 2021 में सस्पेंड कर दिया गया। फिर उन्हें डीजीपी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया। शासन के आदेश पर मामले की जांच एएसपी मुरादाबाद को सौंपी गई। इस जांच में विद्या किशोर शर्मा पर घूस लेने के आरोप सही पाए गए। जिस पर योगी सरकार ने एक्शन लेते हुए इनका डिमोशन कर दिया।
ज्ञात हरे कि इस भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ एक आरटीआई कार्यकर्ता दानिश खां ने केंद्रीय सतर्कता आयोग और मुख्यमंत्री से शिकायत की गई थी। अब इन्हें दोबारा डिप्टी एसपी बनने में 12 साल लग सकते हैं। यह भी बता दें कि यह पुलिस अधिकारी दरोगा पद से ही पुलिस में भर्ती हुए थे। फिलहाल वह सस्पेंड हैं। जब भी उनका सस्पेंशन वापस लिया जाएगा तो दरोगा पद पर ही दोबारा उनकी तैनाती होगी।