सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
विशेष सत्र न्यायाधीश की अदालत ने चरस तस्करी के मामले में एक अभियुक्त को दस साल की कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख के अर्थदंड से भी दंडित किया है। अर्थदंड जमा नहीं करने पर दो साल की अतिरिक्त करावास भुगतने की भी सजा सुनाई है।
घटनाक्रम के अनुसार 25 दिसंबर 2020 को कपकोट पुलिस ने गश्त के दौरान भराड़ी से बागेश्वर आ रहे वाहन संख्या यूके-02-टीए- 2013 की चेकिंग की। इस दौरान वाहन में चालक के अलावा दो यात्री आगे और तीन पीछे बैठे थे। चेकिंग के दौरान चालक के सीट के नीचे आसमानी रंग का बैग मिला। इस मामले में जब पुलिस ने चालक से पूछताछ की तो उसने बताया कि बैग में चरस है, उसने बैग खोलकर पुलिस को दिखा भी दिया। इसके बाद पुलिस चालक को थाने में ले गई। चालक ने अपना नाम खीमपाल सिंह पुत्र हीरा सिंह निवासी बोरबलड़ा कपकोट थाना क्षेत्र बताया। इसके बाद पुलिस ने चरस को तोला, जिसका वजन एक किलो, 597 ग्राम था। इसके बाद मामला विशेष सत्र न्यायाधीश की अदालत में चला।
मामले में अभियोजन की ओर वैरवी जिला शासकीय अधिवक्ता फौजीदारी गोविंद बल्लभ उपाध्याय व सहायक अधिवक्त चंचल पपोला ने पैरवी की। उन्होंने न्यायालय में कुल बरामदगी और तलाशी से संबंधित कुन नौ गवाह पेश किए। मामले में शनिवार को विशेष सत्र न्यायाधीस शहंसाह मोहम्मद दिलबर दानिश ने गवाहों के बयानों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य, एफएससी की रिपोर्ट के आधार पर अभुयक्त को दोष सिद्ध पाते हुए दस सल की सजा सुनाई। साथ ही एक लाख रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया। अर्थदंड जमा नहीं करने पर दो साल का अतिरिक्त कारावास की भी सजा सुनाई।