अल्मोड़ा: गल्ला विक्रेताओं ने पीएम तक पहुंचाई व्यथा, मांगपत्र भेजा, इस्तीफे का अल्टीमेटम
अल्मोड़ा। अल्मोड़ा जनपद के सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता संघ ने अपनी व्यथा प्रधानमंत्री तक पहुंचाई है। यह व्यथा जिलाधिकारी के माध्यम से भेजे गए ज्ञापन में शुमार है। इसमें 6 सूत्रीय मांगें शामिल हैं। संघ ने दो टूक चेतावनी भी दी है कि यदि जल्द यह मांगें पूरी नहीं हुई, तो सस्ता गल्ला विक्रेता त्यागपत्र देने को मजबूर हो जाएंगे।
प्रधानमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में कहा है कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में विषम भौगोलिक परिस्थितियां हैं और सस्ते गल्ले की छोटी-छोटी दुकानें हैं। एक दुकान से सिर्फ 25 से 300 राशन कार्ड ही सीमित हैं। ऐसे में उनकी मासिक आय मात्र 500 रूपये से 4 हजार रूपये के मध्य है। उन्होंने कहा है कि बार-बार जायज मांगें उठाने के बावजूद उनकी उपेक्षा की जा रही है। ज्ञापन में पर्वतीय क्षेत्र के प्रत्येक सस्ता गल्ला विक्रेता को प्रतिमाह 30 हजार रूपये मानदेय स्वीकृत करने, केंद्रीय खाद्य योजना के अनुरूप राज्य खाद्य योजना का लाभांश दिलवाने के लिए राज्य सरकार को निर्देशित करने, पूरे देश में एकसमान नीति लागू करने, गल्ला विक्रेता व उसके परिवार को रोजगार गारंटी देने, सामूहिक बीमा कराने, केंद्रीय खाद्य योजना के लंबित बिलों का अविलंब भुगतान करने तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के खाद्यान्न वितरण का भाड़ा व लाभांश का भुगतान करने की मांगें शामिल हैं। यह भी स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगों की शीघ्र पूर्ति नहीं की गई, तो ऐसी स्थिति में उनका खाद्यान्न वितरण करना असंभव हो जाएगा और उन्हें त्यागपत्र देने को बाध्य होना पड़ेगा। ज्ञापन में जिलाध्यक्ष दिनेश गोयल, महामंत्री मनोज वर्मा, कोषाध्यक्ष अभय साह आदि के हस्ताक्षर हैं।