—भारतीय इतिहास संकलन समिति की बैठक
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
भारतीय इतिहास संकलन समिति के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री डा. संजय ने कहा है कि भारत के वास्तविक अतीत को समझना जरूरी है और राष्ट्रवादी इतिहास लेखन के लिए शोधार्थी शिक्षकों को प्रोत्साहित करना होगा।
डा. संजय आज एसएसजे परिसर अल्मोड़ा के इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग में आयोजित एक बैठक में बोल रहे थे। बैठक की अध्यक्षता करते हुए डा. संजय ने भारत के प्राचीन ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व के पुरास्थलों की सूची एवं उन पर शोध संबंधी योजना पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि औपनिवेशिक लेखकों ने प्राचीन भारतीय इतिहास को सुनियोजित ढंग से विकृत करने का प्रयास किया। अब हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है कि हम भारत के वास्तविक अतीत को समझें और इसे जानें। इसके लिए राष्ट्रवादी इतिहास लेखन हेतु शोधार्थियों व शिक्षकों को प्रोत्साहित करना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए भारतीय इतिहास संकलन समिति ने कार्य योजना की रूपरेखा को प्रस्तुत की है।
डा. संजय ने प्राचीन भारतीय परंपरागत ज्ञान कृषि, चिकित्सा, आदिवासी जनजातियों के साथ स्थानीय राजवंशों, आजादी के गुमनाम नायकों को प्रकाश में लाने के लिए क्षेत्रीय इतिहास लेखन पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम के अंत में प्रो. वीडीएस नेगी ने भारतीय इतिहास संकलन समिति, अल्मोड़ा के प्रयासों एवं भावी योजनाओं की जानकारी दी। बैठक में डॉ. चंद्र सिंह चौहान, डॉ. दीपा जलाल, डॉ. ललित मोहन जोशी, डॉ. अभिनव तिवारी, प्रेमा खाती, डॉ. लक्ष्मी वर्मा, रवि कुमार, नरेंद्र कुमार, दीपा, डॉ. दयावर्धन, चंदन जीना, प्रज्ञा तिवारी, डॉ. गोकुल देउपा आदि उपस्थित रहे।