अपने प्यारे डॉगी के साथ वतन लौटे ऋषभ कौशिक, Dog Lovers कर रहे सलाम

Rishabh Kaushik returned home with his beloved dog, saluting the whole world CNE REPORTER किसी इंसान का जानवर से भी कोई रिश्ता हो सकता है,…

Rishabh Kaushik returned home with his beloved dog, saluting the whole world

CNE REPORTER

किसी इंसान का जानवर से भी कोई रिश्ता हो सकता है, यह बात वह लोग निश्चित रूप से नहीं जान सकते, जिन्होंने कभी किसी जानवर से प्रेम नहीं किया या जानवर के प्रेम को महसूस नहीं किया। हम यह बात इसलिए कह रहे हैं कि आज युद्ध प्रभावित यूक्रेन सेए क भारतीय अपने पालतू डॉगी के साथ हिंदुस्तान लौटे हैं। यह वह शख्श हैं जिन्होंने बिना अपने पालतू कुत्ते के साथ वतन वापसी से इंकार कर दिया था।

उल्लेखनीय है कि Russia-Ukraine war के दौरान Dehradun resident Rishabh Kaushik अपने डॉगी को साथ लाने की जिद पर अड़े हुए थे। उनके बयान जब वायरल हुए तो पूरे विश्व में जहां एनमिल लवर्स ने उनकी बात की प्रशंसा की, वहीं कुछ संकुचित मानसिकता वाले लोगों ने उनकी मजाक भी उड़ाई। आज वह अपने पेट डॉगी के साथ हिंदुस्तान वापस लौटे हैं।

आपको बता दें ​कि ऋषभ कौशिक अपने डॉगी के साथ आज शुक्रवार को सुबह के वक्त Budapest, Hungary के रास्ते हिंदुस्तान पहुंचे। Rishabh Kaushik is a software engineering graduate student at Kharkiv National University of Radio Electronics Engineering. उन्होंने अपने कुत्ते को अपने हिंदुस्तान लाने में होने वाली कठिनाइयों का जिक्र Instagram पर एक वीडियो पोस्ट करके किया था। जिसमें सरकार से NOC देने का आग्रह किया गया था। उनके Video को देखकरPeople for the Ethical Treatment of Animals (PETA) ने भारत सरकार से अपील की कि वह भारतीयों को अपने पालतू जानवरों को उड़ानों में साथ ले जाने की अनुमति दे।

जिसके बाद ऋषभ कौशिक को भारत सरकार ने डॉगी (माले बु) (Ukrainian name for pet dog which means ‘sweet’) को भी भारत लाने की एनओसी दे दी। ज्ञात रहे कि देहरादून के रहने वाले ऋषभ कौशिक बीते 3 सालों से यूक्रेन में कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। यहऋषभ का यह लास्ट ईयर है। ऋषभ के परिवार के और लोग भी यूक्रेन में बिजनेस करते हैं। जैसे ही परिवार के सदस्यों को पता लगा कि दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ सकता है वैसे ही 19 और 20 फरवरी को पूरा परिवार, जिनमें लगभग 7 सदस्य थे वह किसी तरह टिकट बुक करवाकर दुबई के लिए रवाना हो गये. वहीं, परिजनों ने ऋषभ को दुबई चलने के लिए कहा। तब ऋषभ ने सिर्फ इसलिए जाने से मना कर दिया क्योंकि ऋषभ जिस डॉगी के साथ पिछले 1 साल से रह रहे हैं, वह फ्लाइट में नहीं जा सकता था। ऋषभ ने कहा कि यह कह देना बहुत आसान है कि कुत्ता ही है उसे मरने छोड़ दो और चले जाओ, लेकिन जिसे आपने अपने बच्चे की तरह पाला—पोसा है उसे कैसे छोड़ा जा सकता है। वह एक जानवर है, प्रेम को समझता है और हम इंसान होकर इस प्रेम को कैसे भूल सकते हैं ?


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