शेर सिंह गड़िया को टिकट नहीं मिलने पर गुस्सा
बागेश्वर में कांग्रेस प्रदेश महामंत्री बगावत की राह
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
कपकोट विधानसभा सीट पर टिकट की घोषणा के बाद भाजपा में इस्तीफा देने का सिलसिला शुरू हुआ, जो रविवार को तीसरे दिन भी नहीं थमा। तीसरे दिन 65 से भी अधिक कार्यकर्ताओं ने अपने इस्तीफे प्रदेश अध्यक्ष को भेजे हैं।
कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनके साथ छल हुआ है। मंडल, जिला, राज्य पर्यवेक्षक की सूची में उनके प्रत्याशी का नाम सबसे ऊपर था। इसके बाद टिकट नहीं मिलना यह किसी धोखेबाजी से कम नहीं है। सभी कार्यकर्ता अपने नेता शेर सिंह गड़िया को चुनाव मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतारेंगे और जीताकर ही दम लेंगे। एक दिन पहले बिशन सिंह चुफाल और जिलाध्यक्ष गड़िया को मनाने के लिए गए थे, लेकिन वह भी निराश लौटे। इस मामले में गड़िया सोमवार को पत्रकार वार्ता करेंगे और स्थिति स्पष्ट करेंगे।
कांग्रेस के बालकृष्ण बगावत की राह
बागेश्वर में कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री बालकृष्ण टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं। टिकट नहीं मिलने को वह खुद के साथ अन्याय बता रहे हैं। पिछले चुनाव में वह काफी कम मतों के अंतर से हारे थे, जबकि कांग्रेस ने दो-दो बार हारे प्रत्याशियों को फिर से टिकट दिया है। उन्होंने कहा कि वह बागेश्वर विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। सोमवार को पार्टी कार्यकर्ता सामूहिक इस्तीफा भी देंगे।
बगावती तेवर के साथ सामने आए बालकृष्ण ने यहां पत्रकार वार्ता में कहा कि चार-पांच दिन पूर्व उन्हें दिल्ली से फोन आया था। तनिष्क सिंह ने कहा कि वह पार्टी को ढाई लाख रुपये भेज दें। उन्हें बैंक खाता नंबर दिया जाएगा, लेकिन खाता नंबर नहीं आया। काफी व्यथित बालकृष्ण ने कहा कि उन्होंने पांच वर्ष तक धरातल पर काम किए हैं। पार्टी को मजबूत बनाया है। लोगों की समस्याओं के लिए भूख हड़ताल की। गरीब, असहाय लोगों की मदद के लिए खड़े रहे। अपना रक्त भी जरूरतमंदों को दिया। अपने बूढ़े माता-पिता की परवाह नहीं की। बच्चों को छोड़ दिया। पार्टी के लिए घरबार छोड़ा। 20 वर्ष से पार्टी में काम कर रहे हैं। सर्वे रिपोर्ट में वह सबसे आगे रहे। पार्टी ने सितारगंज में रहने वाले को टिकट देकर जिले की जनता के साथ अन्याय किया है। बालकृष्ण ने कहा है कि वे जनता के बीच जाकर पूछेंगे कि उनकी क्या गलती थी कि उनको टिकट नहीं दिया गया।