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अल्मोड़ा संग्रहालय की शोभा बनी 100 साल पुरानी रिवाल्वर व स्टिक गन


  • राय साहब हरकिशन लाल शाह ने ब्रिटिश अफसर से खरीदे थे ये शस्त्र
  • रानीखेत निवासी डा. एनसी शाह ने संग्रहालय को भेंट की दोनों चीजें

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

अल्मोड़ा जनपद के रानीखेत निवासी शाह परिवार के पास मौजूद एक पुरानी रिवाल्वर व एक स्टिक गन तथा आधा दर्जन प्राचीन जिंदा कारतूस अब पंडित गोविंद वल्लभ पंत राजकीय संग्रहालय अल्मोड़ा की शोभा बनेंगी। ये 0.32 बोर की रिवॉल्वर तथा 0.410 बोर की स्टिक गन राय साहब हरकिशन लाल शाह की हैं, जो उन्होंने करीब 100 साल पहले एक ब्रिटिश आफिसर से खरीदी थी। तब भारत में सिर्फ 13 स्टिक गन ही उपलब्ध थी। रानीखेत निवासी डा. एनसी शाह ने अब यह दोनों शस्त्र राजकीय संग्रहालय को दान स्वरूप भेंट कर दी हैं।

उल्लेखनीय है कि जगती गंज, सदर बाजार रानीखेत निवासी डाॅ. एनसी शाह पुत्र गौरी लाल शाह के पास राय साहब हरकिशन लाल शाह की 0.32 बोर की रिवॉल्वर (serial number 1984) मय 5 जिंदा कारतूस एवं 0.410 बोर की स्टिक गन (serial number 527) मय 1 जिंदा कारतूस मौजूद थी। उन्होंने अब ये दोनों शस्त्रों को लाइसेंस बुक समेत पंडित गोविंद वल्लभ पंत राजकीय संग्रहालय अल्मोड़ा को दान कर दिया है। उक्त कोल्ट रिवॉल्वर व स्टिक गन राय साहब हरकिशन लाल शाह द्वारा ब्रिटिश ऑफिसर से 1922-23 में क्रय की गई थी। उन्होंने अब ये शस्त्र मय लाइसेंस बुक राजकीय संग्रहालय को भेंट कर दिए हैं। उक्त शस्त्रों को राजकीय संग्रहालय अल्मोड़ा में लाने के लिए पहुंची टीम में राजकीय संग्रहालय अल्मोड़ा के प्रभारी निदेशक डॉ. सीएस चैहान, वीथिका सहायक जन्मजेय तिवारी, रवि बिष्ट, क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई अल्मोड़ा के छायाकार शेखर उपाध्याय आदि शामिल रहे। दान करते वक्त डॉ. एनसी शाह, राजीव शाह व एमसी शाह मौजूद रहे।
अद्भुत है स्टिक गन

संग्रहालय को सौंपी गई स्टिक गन अपने आप में एक अद्भुत शस्त्र है, जो कि सामान्यतः एक छड़ी के रूप में प्रतीत होती है, किंतु यह एक सिंगल बैरल गन है, जिसकी मारक क्षमता 150 गज है। माना गया है कि सन् 1922 में भारत में केवल 13 स्टिक गन ही उपलब्ध थी और उन्हीं में से यह एक है।
प्रभारी निदेशक की अपील

राजकीय संग्रहालय के प्रभारी निदेशक डॉ. सीएस चैहान ने जनता से निवेदन किया है कि यदि किसी के पास कोई ऐतिहासिक, पुरातात्विक महत्व की वस्तुएं, कलाकृतियां जैसे सिक्के, ताम्र पत्र, मूर्तियां, पांडुलिपियां, शस्त्र, आभूषण आदि उपलब्ध हों, तो उन्हें पंडित गोविंद बल्लभ पंत राजकीय संग्रहालय अल्मोड़ा को दान स्वरूप भेंट कर संग्रहालय की शोभा बढ़ाने में सहयोग प्रदान करें।

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