बागेश्वर ब्रेकिंग: जिले में 04 मकान ध्वस्त, 14 लोग बेघर

👉 घर के तीन सदस्य बाल—बाल बचे, दबकर एक बैल की मौत👉 जिला मुख्यालय पर धंसने लगा पहाड़, दहशत में आए लोग सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर:…

जिले में 04 मकान ध्वस्त, 14 लोग बेघर

👉 घर के तीन सदस्य बाल—बाल बचे, दबकर एक बैल की मौत
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जिला मुख्यालय पर धंसने लगा पहाड़, दहशत में आए लोग

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: जिले में अतिवृष्टि से चार मकान ध्वस्त हो गए हैं। इससे कहर से 14 लोग बेघर हो गए हैं। एक परिवार के तीन सदस्यों की बाल—बाल जान बच गई। मलबे में दबने से एक बैल मौत हो गई है। वर्षा के कारण लोग भयभीत हैं। जिला प्रशासन प्रभावितों को अहेतुक सहायता प्रदान करने में जुट गया है।

जिले की गरुड़ तहसील के ढुकुरा निवासी सुनील कुमार पुत्र रतन राम का मकान ध्वस्त हो गया है। उनके परिवार में चार सदस्य हैं। तल्ला पय्या निवासी मोहन राम पुत्र लालू राम का मकान भी आपदा की भेंट चढ़ गया है। उनके परिवार के पांच लोग बेघर हो गए हैं। इसी गांव के मनोज कुमार पुत्र जगदीश कुमार का भी आवासीय घर अतिवृष्टि के कारण ध्वस्त हो गया है। परिवार के तीन सदस्यों की जान बालबाल बच गई है।

वहीं, कांडा तहसील के सिमकुना गांव में तारी पुत्र अन राम का मकान आंशिक ध्वस्त हो गया है। मलबे में दबकर एक बैल की मृत्यु हो गई है। जिले में वर्षा का दौर जारी है। जिसके कारण लोगों की दहशत बढ़ने लगी है। इधर, जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि राजस्व पुलिस जांच में जुटी है। प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। तहसीलदार की रिपोर्ट पर प्रभावितों को अहैतुक मदद आदि प्रदान की जाएगी।
धंसने लगा पहाड़, दहशत में लोग

बागेश्वर: वर्षा से जिला मुख्यालय के लोग भी दहशत में हैं। पानी की निकासी नहीं होने से पहाड़ धंसने लगा है। जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है। जिससे घरों पर खतरा मंडराने लगा है। गुरुवार को सैम मंदिर वार्ड निवासी हरीश प्रसाद पुत्र गोविंद राम ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा कि गणेश मंदिर व दत्तात्रेय आश्रम नदीगांव को जाने वाले मार्ग पर वर्षा के कारण जिला न्यायालय सड़क मोड़ पर जल भराव हो रहा है। जल निकासी का प्रबंधन नहीं है। वर्षा का पानी चहारदीवारी के सहारे नीचे पहाड़ी की तरफ आने लगा है। जिसके कारण जगह-जगह दरारें पड़ गईं हैं। भूस्खलन की संभावना बनी है। पहाड़ पर बड़े-बड़े पत्थर है। जिनकी जड़ें पानी रिसाव के कारण खाली हो गईं हैं। वह कभी भी नीचे की तरफ खिसक सकते हैं। जिसके नीचे आठ मकान हैं। उन्हें खतरा मंडराने लगा है। उन्होंने पानी की निकासी करने और भू-विज्ञानी जांच की मांग की है। इधर, सभासद नीमा ड्याराकोटी ने कहा कि पालिका के संज्ञान में भी मामला लाया जाएगा। पानी की निकासी के लिए उचित प्रबंध जरूरी हैं।


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