भारतीय तलवारबाजी संघ के संयुक्त सचिव पद से यादव ने 15 मई को दिया इस्तीफा, यूपी में सरकारी शिक्षक भी है विरोश, खो-खो एसोसिएशन में भी कब्जा रखा था सचिव पद
देहरादून। उत्तर प्रदेश में अध्यापक के पद पर तैनात विरेश यादव के भारतीय तलवारबाजी संघ के संयुक्त सचिव पद से इस्तीफे के बाद अब उत्तराखंड के खेल संघों में हड़ंकप मच गया है। दरअसल ओलंपिक संघ ने विरेश यादव के उत्तराखंडी मूल के न होने को लेकर उन्हें नोटिस भेजा था यही नहीं उन पर आरोप था कि वे दो—दो खेल संघों में पदों पर काबिज हैं और स्वयं उत्तर प्रदेश में नौकरी करते हैं। उन्होंने अपने तलवारी संघ के संयुक्त सचिव पद से इस्तीफा तो दे दिया है लेकिन जाते जाते भारतीय ओलंपिक संघ से संबद्ध उन तमाम खेल संघों में दो-दो पदों पर बैठे पदाधिकारियों के मामले को हवा दे दी है। उन्होंने अपने इस्तीफे में साफ साफ लिखा है कि वे ऐसे कई लोगों को जानते हैं जो अलग अलग संघों में पदों पर काबिज हैं। उन्होंने कहा है कि वे ऐसे लोगों के नाम लेना नहीं चाहते लेकिन उनके साथ किया गया व्यवहार खेल संघ का एक तरफा व पक्षपात पूर्ण निर्णय लग रहा है।
साफ है कि विरेश ने अपना पद तो छोड़ दिया लेकिन अपने इस्तीफे में इस विवाद को ताजा हवा दे दी है। दरअसल भारतीय ओलंपिक संघ ने प्रदेशों के खेल संघों को साफ हिदायत दे रखी है कि इन संघों पर संबंधित प्रदेश का रहने वाला व्यक्ति ही पदाधिकारी बन सकता है। विरेश यूपी के रहने वाले हैं और सरकारी स्कूल में अध्यापक भी हैं इसलिए उनका निशाने पर आना तय था। इसके अलावा वे उत्तराखंड खो—खो संघ में सचिव और तलवाजी एसेासिएशन में संयुक्त सचिव पद पर भी काबिज थे।
विरेश के जाने के बाद उनके इस्तीफे में किए गए इशारे को देखने के बाद आलंपिंक संघ अब ऐसे लोगों को चिन्हित कर पाएगा या नहीं यह तो आाने वाला समय बताएगा लेकिन विरेश संघ के मुंह पर जोरदार तमाचा जरूर मार गए हैं।