सीएनई संवाददाता, अल्मोड़ा
दिनांक — 4 सितंबर, 2020
यहां अपर सत्र न्यायाधीश मनीष कुमार पाण्डे की अदालत ने पति को आत्महत्या के लिए उकसाने संबंधी एक प्रकरण में पत्नी की जमानत अर्जी खारिज कर दी। मामला जैंती तहसील के ग्राम बाराकोट का है। धारा—306 ता.हि. के इस मामले में आरोपी महिला के अधिवक्ता ने शुक्रवार को अदालत में जमानत की अर्जी प्रस्तुत की थी।
जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) पूरन सिंह कैड़ा ने आरोपी महिला की जमानत का घोर विरोध किया। उन्होंने न्यायालय को बताया कि आरोपी महिला ने जघन्य अपराध किय है। यदि उसे जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह गवाहों को डरा—धमका कर साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकती है और अभियोजन पक्ष के गवाहों को तोड़ सकती है। ऐसे स्थिति में आरोपी की जमानत का कोई औचित्य नहीं है। अंतत: पत्रावली में मौजूद साक्ष्यों का परिशीलन करने के बाद न्यायालय ने आरोपी महिला के जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया।
मामले के मुताबिक इसी साल गत 20 मार्च को अल्मोड़ा जिले की जैंती तहसील अंतर्गत ग्रमा कामड़ी (बाराकोट) निवाीस मदन राम पुत्र स्व. जोगा राम ने लमगड़ा थाने में तहरीर दी। जिसमें कहा गया है कि उनके पुत्र गोधन राम का विवाह 6 जून 2019 को नीमा देवी के साथ हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार हुआ, लेकिन शादी के बाद से ही उनकी बहू नीमा देवी ने अपने पति गोधन राम के साथ लडाई—झगड़ा शुरू कर दिया। आरोप है कि नीमा बेवजह पति गोधन पर शक करती थी और इसी बात को लेकर नीमा अपने पति गोधन राम का लगातार मानसिक उत्पीड़न करती थी और तलाक देने की धमकी देती थी। इसी क्रम के चलते 24 फरवरी 2020 को अपने मायके बुलाकर नीमा ने गोधन को जहर पिलाया, जिससे गोधन की मृत्यु हो गयी। इसी आरोप में धारा—306 के तहत नीमा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
अल्मोड़ा : पति की मौत के मामले में आरोपी पत्नी की जमानत अर्जी खारिज
सीएनई संवाददाता, अल्मोड़ादिनांक — 4 सितंबर, 2020यहां अपर सत्र न्यायाधीश मनीष कुमार पाण्डे की अदालत ने पति को आत्महत्या के लिए उकसाने संबंधी एक प्रकरण…