बालकनाथ को भारी जन समर्थन, वसुंधरा के साथ 60 विधायक
भाजपा हाईकमान पर टिकी सबकी नजर
सीएनई डेस्क। Who is upcoming CM of Rajasthan ?- वसुंधरा राजे/बालकनाथ : राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी की घोषणा करना भाजपा हाईकमान के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है। जहां वसुंधरा राजे विधायकों के दल—बल के साथ शक्ति प्रदर्शन कर रही हैं। वहीं बालक नाथ को राजस्थान का सीएम बनाने की मांग देश भर से उठ रही है।
सीएम पद की दावेदारी की बात करें तो आज की तारीख में भाजपा हाईकमान भी यह अच्छी तरह समझ चुकी है कि यदि 2024 फतेह करना है तो बाबा बालकनाथ को कुर्सी सौंपनी ही पड़ेगी। चूंकि उनकी लोकप्रियता वसुंधरा से काफी ज्यादा हो चुकी है। राजस्थान का वोटर शुरू से ही उन्हें भावी मुख्यमंत्री मान रहा है। वहीं दूसरी ओर राजनीति की दिग्गज व पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी आसानी से हार नहीं मान रही है।
भाजपा प्रभारी अरुण सिंह ने कही यह बात
बीजेपी के राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह ने जारी बयान में कहा कि सीएम के संबंध में पार्टी के संसदीय बोर्ड का फैसला सभी को मान्य होगा। उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के आवास पर उनसे मुलाकात की। मीडिया द्वारा पूछे जाने पर कहा कि केंद्रीय नेतृत्व जो भी फैसला लेगा, संसदीय बोर्ड जो फैसला लेगा, वही सबको स्वीकार करना होगा।
जानिए राजनीति में वसुंधरा राजे का कद
वसुंधरा भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष 2003 से 2008 तक रही हैं। साल 2013 से 2018 तक 02 बार राजस्थान की सीएम रह चुकी हैं। 2018 में भाजपा की हार के बाद से उनका कद कुछ कम हो गया था। उनको लेकर कई तरह के कयास भी लगाए जा रहे थे। यहां तक कि वर्तमान चुनाव में भाजपा ने किसी को सीएम फेस बनाने की बजाए चुनाव चिन्ह को आगे रखा था। वर्तमान में उन्हें 60 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
महंत बालकनाथ
बाबा महंत बालकनाथ का नाम इन दिनों न केवल राजस्थान, बल्कि देश भर में चर्चा में है। तिजारा विधानसभा से वह विधायक बने हैं। बालक नाथ को कट्टर हिंदुओं का समर्थन प्राप्त है। यदि वह सीएम बनते हैं तो माना जा रहा है कि यूपी में योगी आदित्यनाथ की तरह ही राजस्थान में भाजपा की पकड़ को मजबूत बना सकते हैं। उनकी ताजपोशी को असर हरियाणा के राजनीति पर भी पड़ने की उम्मीद है।
यह है लेटस्थ अपडेट
फिलहाल बताया जा रहा है कि पूर्व सीएम वसुंधरा अपने 60 समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली कूच करेंगी। दिल्ली में उनकी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात होगी। हालांकि यह अभी साफ नहीं हुआ है कि यदि उन्हें पार्टी सीएम नहीं बनाती हैं तो क्या होगा। चाहे वसुंधरा बार—बार अपने को पार्टी की अनुशासित कार्यकर्ता कह रही हैं, लेकिन इन दिनों जो कुछ चल रहा है। उससे यही समझा जा रहा है कि वसुंधरा के तेवर काफी गर्म हैं।