रानीखेत/आनंद नेगी
भाजपा नेता सूबे के वन मंत्री हरक सिंह रावत और विधायक उमेश शर्मा काऊ के अचानक दिल्ली दौरे से राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। भाजपा के यह दोनों ही नेता कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह के साथ दिल्ली गए हैं। इस घटनाक्रम को राजनीतिक हलकों में अलग-अलग तरह से देखा जा रहा है। हालांकि अभी दोनों ही भाजपा नेता अपने पार्टी नेतृत्व से मिलने गए हैं।
वन मंत्री हरक सिंह रावत अपनी ही पार्टी के कई नेताओं से नाराज बताए जा रहे हैं। सार्वजनिक मंचों से उन्होंने इस नाराजगी को कई बार जग जाहिर भी किया है। हरक सिंह रावत अपनी पार्टी के नेताओं पर कई बार गंभीर आरोप लगा चुके हैं, उन्हें नालायक मुख्यमंत्री तक बता चुके हैं। उनके वापस कांग्रेस में जाने की भी अटकलें लंबे समय से लगाई जा रही हैं।
इसी प्रकार विधायक उमेश शर्मा काऊ की नाराजगी भी कई बार सार्वजनिक हो चुकी है। पिछले दिनों उनकी दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ कथित तौर पर मुलाकात हुई। तब चर्चा थी कि काऊ कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं, लेकिन बाद में वह अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिले और वापस लौट आए। और उन्होंने काग्रेस नेताओं से मुलाकात होने की बात को लगभग खारिज कर दिया। इसके बाद उनके कांग्रेस में जाने की अटकलों पर विराम लग गया, लेकिन हरक सिंह रावत समय-समय पर ऐसे बयान देते आए हैं जिससे उनके पाला बदलने की अटकलें लगती रही हैं।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत कई बार उन नेताओं की कांग्रेस में वापस लौटने की संभावनाओं को लेकर तल्ख टिप्पणी कर चुके हैं, जो पिछले चुनाव में कांग्रेस से बगावत करके भाषा में चले गए थे और जिनके कारण उत्तराखंड में कांग्रेस कमजोर हुई थी। रावत कह चुके हैं कि इन लोगों के कारण राज्य में कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी, ऐसे लोग पार्टी में वापसी करते हैं तो उन्हें पहले अपने महापाप के लिए माफी मांगनी होगी। रावत के इस बयान पर हरक सिंह रावत ने तीखी प्रतिक्रिया भी दी है, लेकिन कांग्रेस संगठन के खिलाफ कुछ नहीं कहा है। जुड़िये हमारे WhatsApp Group से Click Now
उनके इस संतुलित व्यवहार को कांग्रेस में फिर से वापसी करने की संभावनाओं के रूप में देखा जा रहा है। आज हुए घटनाक्रम ने अचानक राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी, जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के साथ हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा काऊ दिल्ली गए। कहा जा रहा है कि तीनों नेता एक साथ दिल्ली गए थे वहां से अलग हो गए। कहा जा रहा था की प्रीतम सिंह हरीश रावत विरोधी नेताओं को कांग्रेस में लाकर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर सकते हैं।
दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक चल रही है। अनुमान लगाया जा रहा था की प्रीतम सिंह भाजपा के दोनों नेताओं को कांग्रेस में लाने की योजना पर काम कर रहे हैं। लेकिन दिल्ली पहुंचकर तीनों नेता अपनी—अपनी राह चल दिए। हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा काऊ भाजपा के केंद्रीय नेताओं से मिलने के लिए गए हैं। दूसरी चर्चा यह भी है कि वह उत्तराखंड की राजनीति में अपनी स्थिति को लेकर पार्टी हाईकमान से चर्चा करना चाहते हैं। जहां वह राज्य के भाजपा नेताओं के प्रति चल रही नाराजगी को लेकर भी विचार विमर्श करेंगे।
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चुनाव से पहले यशपाल आर्य जैसे कद्दावर नेता के कांग्रेस में चले जाने से भाजपा को बड़ा झटका लगा है। अब अन्य नाराज नेताओं को खोकर वह कोई भी बड़ा जोखिम नहीं उठाना चाहेगी। बताया गया है कि राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के माध्यम से दोनों की पार्टी हाईकमान के साथ वार्ता होनी है। देहरादून से नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के साथ दिल्ली आने वाले इन नेताओं की क्या योजना है ? भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व किस प्रकार से इन नेताओं की नाराजगी को दूर करता है, यह देखना होगा। शीघ्र ही इन सवालों का जवाब भी मिल जाएगा की कांग्रेसी नेता प्रीतम सिंह के साथ दोनों का दिल्ली आना महज एक संयोग था या फिर कोई राजनीतिक खिचड़ी पक रही है।
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