कुमाऊंनी में काठगोदाम को लक्कड़ घर कहा जाता है। अपने शानदार पहाड़ी परिवेश और हिमालय की खूबसूरती के साथ यह सभी सैलानियों का स्वागत करता है।
शीतला माता का मंदिर हल्द्वानी के पास एक छोटी पहाड़ी पर मौजूद है, जहां पहुंचने के लिए भक्तें को कुछ दूर तक पहाड़ी चढ़ाई करनी होती है।
हल्द्वानी के पर्यटन आकर्षणों की श्रृंखला में आप गोला बांध की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह बांध गोला नदी पर बना है, जो हिमालय से निकलकर रामगंगा में मिल जाती है।
कालीचौड़ मंदिर गौलापार में स्थित काली माता का प्रख्यात मंदिर है। हल्द्वानी से 10 किमी और काठगोदाम से 4 किमी की दूरी पर कालीचौड़ मंदिर स्थापित है।
भीमताल से लगभग 5 कि.मी की दूरी पर भीम की पत्नी हिडिंबा का एक मंदिर है, यहां से आप पहाड़ी खूबसूरती का आनंद जी भरकर उठा सकते हैं।
हल्द्वानी से 23 कि.मी की दूरी तय कर ज्योलिकोट हिल स्टेशन पहुंच सकते हैं, यह एक शानदार पर्यटन स्थल है, जहां की पहाड़ी खूबसूरती और मनमोहक आबोहवा का आनंद लेने सकते है।
हल्द्वानी कालाढूंगी चौराहे के पास स्तिथ कालूशाई मंदिर आस्था का अनन्य स्थल है। हर सुबह मंदिर के द्वार खुलते ही श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए आते रहते है।
Naukuchiatal (नौ कोनों झील ) हिल स्टेशन हल्द्वानी के पास घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है, यहां पर आप नोकविहर का आनंद ले सकते हैं।
हल्द्वानी के फतेहपुर में अंग्रेजों का बनाया बावन डांठ अब टूरिस्ट स्पॉट बनने जा रहा है। इस पुल का निर्माण अंग्रेजों ने 1904 के आसपास किया था। इस डांठ में 52 पिलर हैं और इसी वजह से इसका नाम 52 डांठ पड़ा।