सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश के निधन पर यहां शोक की लहर दौड़ गई है। तमाम लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इसे उत्तराखंड की राजनीति की अपूरणीय क्षति बताया है।
सामाजिक कार्यकर्ता पंकज वर्मा ने कहा डॉ इंदिरा हृदयेश के निधन का समाचार मिलने से उन्हें व्यक्तिगत रूप से बड़ा आघात लगा है। उन्होंने हाल में ही कोरोना से जंग जीत ली थी और वह पूरी तरह स्वस्थ होकर राजनैतिक व अन्य सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय थीं। इस सूचना से वह स्तब्ध हैं।
Uttarakhand : नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा ह्रदयेश के निधन पर राजकीय शोक घोषित, जारी हुआ आदेश
उलोवा के पूरन चन्द्र तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित वर्चुअल संवाद में उलोवा कार्यकताओं ने कहा कि एक शिक्षक नेता से राजनैतिज्ञ बनने का उनका सफर अद्भुत था। डॉ इंदिरा हृदयेश हमेशा कर्मचारी संगठनों की व कांग्रेस पार्टी में एक आवाज थीं। वह शिक्षक संगठनों में विशेष लोकप्रिय रहीं। संवाद का संचालन करते हुए दयाकृष्ण काण्डपाल ने कहा कि यह उत्तराखण्ड की राजनीति की अपूरणीय क्षति है। इस अवसर पर जंगबहादुर थापा, एड जगत रौतेला, अजय मित्र बिष्ट, हरीश मेहता, कुणाल तिवारी, शमशेर जंग गुरुंग, बिशन दत्त जोशी, नवीन पाठक, दयाकृष्ण काण्डपाल, शुशीला धपोला आदि ने अपनी संवेदनायें प्रकट करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
अल्मोड़ा जन अधिकार मंच द्वारा एक वर्चुअल शोकसभा का आयोजन करके दिंवगत नेता को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वक्ताओं ने कहा कि एक शिक्षक नेता के तौर पर अपनी राजनैतिक पारी की शुरूआत करते हुए डॉ इंदिरा हृदयेश ने उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखण्ड में लगभग 50 वर्ष का अपना राजनैतिक सफर पूरा किया था।
विधान परिषद सदस्य से आरम्भ करते हुए उत्तराखण्ड राज्य गठन के समय अन्तरिम सरकार में नेता प्रतिपक्ष एंव प्रथम निर्वाचित एनडी तिवारी सरकार में वित्त, संसदीय, पी डब्ल्यू डी मंत्री रहते हुए पूरे प्रदेश में सड़कों का जाल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
संसदीय भाषा ज्ञान की मर्मज्ञ होने के कारण उत्तराखण्ड विधानसभा के भीतर प्रदेश के विकास के लिए एक नया रोडमैप तैचार करने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। सामाजिक एंव राजनैतिक जीवन में डॉ. इंदिरा का योगदान हमेशा अविस्मरणीय रहेगा। माध्यमिक शिक्षक नेता के रूप में उन्होंने उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखण्ड के शिक्षकों की मांगों को सरकार से पूरा कराने के लिए सड़क से लेकर विधानसभा के भीतर तक अहम अगुवाई करते हुए अनेक शिक्षक मांगों को सरकार से पूरा कराया।
हल्द्वानी विधानसभा सहित लालकुआं एवं कालाढूंगी विधानसभा में सैकडों विकास कार्य कराकर विकास की नयी सोच को स्वरूप प्रदान किया। एनडी तिवारी सरकार में दैवी आपदा प्रबन्धन के उपाध्यक्ष राज्य मंत्री रहे एड. केवल सती ने उस दौर को याद करते हुए बताया कि उन्हें प्रदेश के विकास की एक अलग सोच थी। नौकरशाही से लेकर जनप्रतिनिधि भी उनकी बुद्धिमता के कायल थे।
डॉ. इंदिरा ह्रदेयश के निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए मंच के सदस्यों ने उनके सामाजिक एंव राजनैतिक योगदान को याद करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर शोक व्यक्त किया। शोकसभा में मंच संयोजक त्रिलोचन जोशी, पूर्व राज्य मंत्री एड. केवल सती, मनोज सनवाल, पान सिंह बिष्ट, जीवन तिवारी, हरीश जोशी, पंकज वर्मा, पुष्कर राम, दानिश खान, नमित जोशी आदि शामिल रहे।
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