— भारत बंद का समर्थन का पुरजोर समर्थन
— तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की वकालत
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को आहूत भारत बंद के समर्थन में यहां विभिन्न राजनैतिक व सामाजिक संगठनों के लोग सड़क पर उतरे और उन्होंने तीन कृषि कानूनोें के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने गांधी पार्क (चौघानपाटा) से जुलूस निकाला। इस दौरान शिखर चौराहे पर सांकेतिक चक्काजाम भी किया।
प्रदशनकारी केंद्र सरकार से तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे थे। यह जुलूस माल रोड, शिखर तिराहा, लाला बाजार, चौक बाजार, कारखाना बाजार, खजांची बाजार, पल्टन बाजार होते हुए माल रोड होते हुए गांधी पार्क पहुंचे। इससे पूर्व गांधी पार्क में सभा हुई। जिसमें वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने जबरन तीन नये कृषि कानून थोपे हैं और इन्हें वापस लेने की मांग को लेकर देश के किसान पिछले दस माह से आंदोलित हैं, लेकिन सरकार का रूख हठधर्मी रहा है।
वक्ताओं ने कहा कि आंदोलन के दौरान करीब 700 किसान आंदोलन के दौरान जान दे चुके हैं। सभा में उत्तराखंड में भू कानून बनाने की पुरजोर वकालत की। वहीं जंगली के आतंक से पहाड़ की खेती पर पड़े संकट से निजात दिलाने की मांग भी उठी। कार्यक्रम की समाप्ति पर रंगकर्मी स्व. गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ के प्रेरक जनगीतों गाए गए।
प्रदर्शन में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी, आनंदी वर्मा, हीरा देवी, उक्रांद के जिलाध्यक्ष शिवराज बनौला, भानु जोशी, गिरीश नाथ गोस्वामी, कांग्रेस के नगर अध्यक्ष पूरन सिंह रौतेला, सालम समिति के अध्यक्ष राजेंद्र रावत, विपिन जोशी, जनवादी महिला समिति की प्रदेश सचिव सुनीता पांडे, राधा नेगी, उत्तराखंड किसान संगठन के दिनेश पांडे, उत्तराखंड लोक वाहिनी के एड. जगत रौतेला, दयाकृष्ण कांडपाल, अजयमित्र बिष्ट, कुनाल तिवारी, व्यापार मंडल नगर अध्यक्ष सुशील साह, प्रत्येश पांडे समेत इन संगठनों दर्जनों लोग शामिल रहे।