देहरादून। बिजली कर्मचारियों ने एक बार फिर हड़ताल की राह पकड़ ली है। अक्टूबर में सीएम के साथ हुई बैठक में तय समझौते का पालन न होने से नाराज तीनों निगमों के बिजली कर्मचारियों ने 31 दिसंबर से पूरी तरह हड़ताल की घोषणा कर दी है।
लंबित मांगों पर अमल न होने से नाराज विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा कार्यकारिणी ने आंदोलन की घोषणा कर दी है। कर्मचारी नेता केहर सिंह की अध्यक्षता ओर इंसारूल हक के संचालन में आयोजित बैठक में मोर्चा के सभी घटक संगठनों के पदाधिकारियों ने आक्रोश व्यक्त किया कि कर्मचारियों की मांगों को लेकर जुलाई में शासन स्तर और पांच अक्टूबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में तय समझौते का अब तक पालन नहीं हुआ है।
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पूर्व में सीएम के साथ बैठक के बाद पांच अक्टूबर को आंदोलन स्थगित किया गया था। इसलिए अब एक बार फिर आंदोलन की राह पकड़ते हुए 22 दिसंबर को तीनो निगमों के कार्मिक उत्तराखंड जल विद्युत निगम मुख्यालय पर एक दिवसीय सत्याग्रह में भाग लेंगे। जबकि, 30 दिसंबर तक मांगों को लेकर कोई आदेश नहीं होने पर 31 दिसंबर को सुबह आठ बजे से तीनों ऊर्जा निगमों के नियमित, संविदा उपनल, स्वयं सहायता समूह कर्मचारी आम हड़ताल पर चले जाएंगे। बैठक में कर्मचारी नेता राकेश शर्मा, जेसी पंत, डीसी ध्यानी, पंकज सैनी मौजूद रहे।
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प्रमुख मांगें
-तीनों निगमों में जनवरी 2017 से एसीपी समयबद्ध वेतनमान का लाभ दिया जाए।
-पूर्व की भाति नौ, 14 व 19 वर्ष में एसीपी का पूर्व की भांति लाभ दिया जाए।
-उपनल व अन्य संविदा कार्मिकों को समान कार्य समान वेतन व नियमितीकरण।
-पुरानी पेंशन की व्यवस्था को पुन: बहाल किया जाए।
-अवर अभियंता संवर्ग का वेतनमान एक जनवरी 2009 से शासन के समान 4600 ग्रेड वेतन किया जाए।
-ऊर्जा निगम में तकनीशियन से अवर अभियंता की प्रोन्नति की जाए।
-विभिन्न संवर्ग की ग्रेड वेतन 2600, 2800, 3000, 4200 आदि पर वेतन विसंगति समिति की ओर से कार्रवाई की जाए।
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