Bageshwer News: नर्सों ने लिखित परीक्षा के विरोध में फूंका आंदोलन का बिगुल, बांहों में काला फीता बांधा और जून में सामूहिक अवकाश पर जाने की ठानी
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
संविदा एवं बेरोजगार स्टाफ नर्सेज महासंघ ने नर्सिग भर्ती में होने वाली लिखित परीक्षा का विरोध किया है। संविदा, उपनल और सभी कार्यरत नर्सेज ने चयन वर्षवार ज्येष्ठता के आधार पर कराने की मांग की है। लिखित परीक्षा कराने के विरोध में उन्होंने आज से काला फीता बांधकर विरोध शुरू कर दिया।
नर्सेज महासंघ के आह्वान पर 2621 पदों पर स्टाफ नर्स की प्रस्तावित परीक्षा के विरोध में संविदा स्टाफ़ नर्सों ने काला फीता बांधकर विरोध शुरू कर दिया है। आंदोलनरत स्टाफ नर्सों ने कहा कि कोरोना महामारी के काल में कर्मचारी सेवाएं देते हुए कोविड पॉजिटिव हो गए हैं। परीक्षा होने पर खतरा बढ़ सकता है। वह पांच से 15 वर्षों से प्रदेश के दुर्गम, अति दुर्गम क्षेत्रों में अल्प वेतन में कार्य कर रहे हैं। कोरोना महामारी के समय वह घर, परिवार और बच्चों को छोड़कर दिनरात कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने दो मई को अपने संबोधन में कोविड महामारी काल में 100 दिन कार्य करने पर उन्हें स्थायी नौकरी में प्राथमिकता देने की बात कही थी, किंतु वह महामारी काल में 400 से अधिक दिनों से काम कर रहे हैं। मगर अब लिखित परीक्षा कराने के साथ डिग्री धारकों को भी इसमें शामिल कर लिया है, जबकि स्टाफ नर्स के लिए मूलत: डिप्लोमा जरूरी है। उन्होंने अब 70 प्रतिशत सीटों पर डिप्लोमाधारी व 30 प्रतिशत में डिग्री धारी का नियम को यथावत रखने की मांग की। उन्होंने कहा कि 25 से 31 मई तक वे काला फीता बांधकर विरोध करेंगे। जून 2021 में परीक्षा होने तक सामूहिक परीक्षा अवकाश पर चले जाएंगे। इस मौके पर नीतू लखेडा, नॉमिता सिंह, अनीता जोशी, दीपा, निधि रावत, अंजू कनवाल, दीपा पुरोहित, देवकी, गीता टाकुली, पम्मी नेगी, दीपा बड़ती, पूजा परिहार, राजीव कुमार, दीपक जोशी आदि मौजूद थे।
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