Breaking News: कड़ाके की ठंड में 10 किमी पैदल सफर कर अल्मोड़ा के इस गांव को सुनने—मनाने पहुंची प्रशासन की टीम (पढ़िये क्या था मामला)

— चुनाव बहिष्कार की धमकी रही असरकारकसीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाजिले के विकासखंड भैसियाछाना के ग्राम बबुरियानायल के ग्रामीणों की धमकी असरकारक रही है। ग्रामीणों ने सड़क…


— चुनाव बहिष्कार की धमकी रही असरकारक
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
जिले के विकासखंड भैसियाछाना के ग्राम बबुरियानायल के ग्रामीणों की धमकी असरकारक रही है। ग्रामीणों ने सड़क सुविधा व अन्य मांगों को लेकर पिछले दिनों चुनाव बहिष्कार की धमकी दे दी थी। इस धमकी से जागते हुए डीएम के निर्देश पर जिला विकास अधिकारी के नेतृत्व में प्रशासन की टीम आज बबुरियानायल गांव पहुंच गई, भले ही इस टीम को कड़ाके की ठंड के चलते करीब 10 किमी पैदल सफर करना पड़ा। (आगे पढ़िये)
ये था पूरा मामला

ग्रामवासियों को समझाते डीडीओ केएन तिवारी।

मामला ये है कि भैसियाछाना ब्लाक का बबुरियानायल गांव मुख्य सड़क मार्ग से करीब 05 किमी पैदल दूरी पर बसा है। इस गांव के लोग लंबे समय से गांव के लिए सड़क की मांग उठा रहे हैं। इसके अलावा उनके द्वारा विन्सर सेंचुरी के कारण उत्पन्न समस्याओं से निजात दिलाने की मांग उठाई जा रही है। लगातार अनसुनी से खिन्न होकर उन्होंने पिछले दिनों जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया कि ​यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे इस बार भी चुनाव बहिष्कार करेंगे। यहां उल्लेखनीय है कि अनसुनी से नाराज ग्रामीणों ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी बहिष्कार किया था और इस गांव के बूथ पर मतदान शून्य था। इस बार भी ऐसी ही चेतावनी पर जिलाधिकारी ने संज्ञान लिया और ग्रामीणों को सुनने के लिए गांव टीम भेजी। (आगे पढ़िये)
फिलहाल मान गए ग्रामीण

बबुरियानालय गांव में ग्रामीणों को सुनती टीम।

जिलाधिकारी वंदना सिंह के निर्देशानुसार जिला विकास अधिकारी केएन तिवारी के नेतृत्व में टीम आज करीब 10 किमी का सफर तय करके बबुरियानायल गांव का दौरा कर आई। इस टीम में स्वीप संयोजक विनोद, खंड विकास अधिकारी भैंसियाछाना केएस भोज, ग्राम विकास अधिकारी मनोज बोरा, पीएमजीएसवाई के ईई एससी पंत शामिल रहे। टीम ने गांव के प्रधान महेश सिंह बोरा समेत अन्य ग्रामवासियों से लंबी वार्ता की। उनकी प्रमुख समस्याएं सुनीं और विश्वास दिलाया कि ग्रामवासियों को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा और उनकी समस्या को सक्षम स्तर पर रखकर उसका निदान करवाया जाएगा। साथ ही उन्हें समझाया गया कि मताधिकार एक लोकतान्त्रिक अधिकार है। इसका प्रयोग अवश्य करना चाहिए। ग्रामवासियों से अपील की गई कि वे चुनाव बहिष्कार जैसे निर्णय को वापस लें और आगामी विधानसभा चुनाव में मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें। इसके बाद प्रधान ने आश्वासन दिया कि ग्रामवासी एक मत से प्रशासन की अपील और अपने निर्णय पर पुनर्विचार करेंगे।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *