सेना की गाड़ी पर आतंकी हमला, उत्तराखंड के पांच जवान शहीद

कठुआ | जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सोमवार (8 जुलाई) को आतंकियों के हमले में जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) समेत 5 जवान शहीद हो गए।…

कठुआ | जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सोमवार (8 जुलाई) को आतंकियों के हमले में जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) समेत 5 जवान शहीद हो गए। हमले में घायल 5 जवानों को कठुआ के बिलावर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से देर रात पठानकोट मिलिट्री हॉस्पिटल रेफर किया गया है। शहीद हुए सभी जवान उत्तराखंड निवासी थे, इस खबर के बाद बलिदानी के परिवार समेत पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है।

उत्तराखंड के पांच जवान शहीद

शहीद हुए जवानों में टिहरी जिले के कीर्ति नगर ब्लॉक थाती डागर निवासी राइफलमैन आदर्श नेगी, टिहरी गढ़वाल निवासी नायक विनोद सिंह, पौड़ी जिले के लैंसडाउन निवासी हवलदार कमल सिंह, पौड़ी गढ़वाल के ग्राम धामधार निवासी राइफलमैन अनुज नेगी, रुद्रप्रयाग जिले के कांडाखाल निवासी नायब सूबेदार आनंद सिंह रावत शामिल है।

सेना के सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षाबल कठुआ से करीब 123 किलोमीटर दूर लोहाई मल्हार ब्लॉक के माछेड़ी इलाके के बडनोटा में दोपहर 3:30 बजे पहाड़ी इलाके में पेट्रोलिंग के लिए निकले थे। रास्ता कच्चा था, गाड़ी की रफ्तार भी धीमी थी। एक तरफ ऊंची पहाड़ी और दूसरी तरफ खाई थी। आतंकियों ने पहाड़ी से घात लगाकर सेना के ट्रक पर पहले ग्रेनेड फेंका, फिर स्नाइपर गन से फायरिंग की। सेना ने भी काउंटर फायरिंग की, लेकिन आतंकी जंगल में भाग गए। फिलहाल सेना, आतंकियों की तलाश में हेलिकॉप्टर, स्निफर डॉग्स, UAV और मेटल डिटेक्टर की मदद ले रही है।

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, हमले में 3 से 4 आतंकियों के शामिल होने की बात सामने आ रही है। वे एडवांस हथियारों से लैस हैं। ये आतंकी हाल ही में सीमा पार से घुसपैठ करके आए हैं। आतंकियों को हमले में एक लोकल गाइड ने भी मदद पहुंचाई। हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नाम के आतंकी संगठन ने ली है। यह संगठन प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ही एक शाखा है। संगठन की ओर से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा गया कि यह हमला 26 जून को डोडा में मारे गए 3 आतंकियों की मौत का बदला है। साथ ही बताया कि आतंकियों ने हमला हैंड ग्रेनेड और स्नाइपर गन से किया।

जवानों के शहीद होने की खबर के बाद पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर है, राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर बेहद दुःख जताया है। उन्होंने लिखा, “कठुआ (J&K) में सेना के काफिले पर आतंकवादी हमले में उत्तराखंड के पांच जवानों के शहीद होने का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। इस कायरतापूर्ण हमले की निंदा करता हूँ और पूर्ण विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि मानवता के ये दुश्मन बख्शे नहीं जाएँगे। ईश्वर से दिवंगतों की आत्मा को शांति व शोकाकुल परिजनों को यह असीम कष्ट सहने की शक्ति प्रदान करने तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूँ।

यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए अत्यंत पीड़ा का क्षण है क्योंकि हमने भाई और बेटा भी खोया है। हमारे रणबाँकुरों ने उत्तराखण्ड की समृद्ध सैन्य परंपरा का पालन करते हुए माँ भारती के चरणों में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। माँ भारती की रक्षा करते हुए आतंकवाद के विरुद्ध आपका यह सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इस कायरतापूर्ण हमले के दोषी, मानवता के दुश्मन आतंकवादी किसी भी क़ीमत पर बख्शे नहीं जाएँगे और इनको पनाह देने वाले लोगों को भी इसके परिणाम भुगतने होंगे। सैन्यभूमि उत्तराखण्ड वीर सैनिकों को जन्म देने वाली भूमि है। यहां के जवानों ने सदैव माँ भारती की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देकर अपने राष्ट्रधर्म का निर्वहन किया है। विनम्र श्रद्धांजलि..!

 

आतंकी हमले को लेकर कश्मीर टाइगर्स का कबूलनामा…

KT-213 ने एक पोस्ट में लिखा- ‘कठुआ के बडनोटा में भारतीय सेना पर हैंड ग्रेनेड और स्नाइपर गन से हमला किया है। यह डोडा में मारे गए 3 मुजाहिदीन की मौत का बदला है। जल्द ही और ज्यादा हमले किए जाएंगे। ये लड़ाई कश्मीर की आजादी तक चलती रहेगी।’

दोबारा लागू होगा एनिमी एजेंट्स एक्ट, इसमें मददगारों को फांसी तक की सजा

सेना ने इस साल के अंत तक जम्मू रीजन से आतंक के सफाए का प्लान तैयार किया है। बीते दिनों गृह मंत्रालय में हुई बैठक के बाद पुंछ, राजौरी, रियासी, कठुआ में सक्रिय 30 आतंकियों की लिस्ट बनी है। तय हुआ है कि आतंकियों और इनके मददगारों के सफाए के लिए एनिमी एजेंट्स एक्ट अपने मूल रूप में फिर लागू किया जाएगा।

इस अधिनियम में मददगारों की संपत्ति जब्त करने से लेकर उम्र कैद और फांसी तक की सजा का प्रावधान है। इसे 1948 में विदेशी आतंकियों और घुसपैठियों के खात्मे के लिए बनाया गया था। बाद में इसे संशोधन कर कानूनी रूप दिया गया। सजा घटाकर 10 साल की गई। अभी UAPA भी लागू है, लेकिन एनिमी एक्ट इससे भी सख्त है।

सेना की गाड़ी पर दो महीने में दूसरा अटैक

यह 2 महीने में सेना के वाहन पर दूसरा आतंकी हमला है। इससे पहले 4 मई को पुंछ के शाहसितार इलाके में एयरफोर्स के काफिले पर हमला हुआ था, जिसमें कॉर्पोरल विक्की पहाड़े शहीद हो गए थे और 4 अन्य जवान घायल हो गए थे। आतंकियों ने सुरक्षाबलों के दो वाहनों पर भारी फायरिंग की। दोनों गाड़ियां सनाई टॉप जा रही थीं।

राजनाथ सिंह बोले- कठुआ हमले में सैनिकों की मौत से दुखी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार (9 जुलाई) को कठुआ हमले पर दुख जताया। उन्होंने X पर लिखा- कठुआ के बदनोटा में एक आतंकी हमले में हमारे पांच बहादुर भारतीय सैनिक शहीद हो गए। उनकी मौत से मुझे बहुत दुख हुआ है।

मेरी संवेदनाएं उनके परिवारों के साथ है। इस मुश्किल समय में देश उनके साथ मजबूती से खड़ा है। मैं इस कायरतापूर्ण आतंकी हमले में घायल जवानों के जल्दी स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। आतंकवाद विरोधी अभियान चल रहे हैं। हमारे जवान शांति और व्यवस्था कायम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

राहुल गांधी बोले- भाषण नहीं, सख्त कार्रवाई करे सरकार

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कठुआ में हुए आतंकी हमले को लेकर कहा- लगातार हो रहे आतंकवादी हमलों का जवाब सख्त कार्रवाई से दिया जाना चाहिए, न कि खोखले भाषणों और झूठे वादों से।

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- कठुआ में हुए आतंकवादी हमले में हमारे बहादुर सेना के जवानों की शहादत पर गहरा दुख हुआ है। इस कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।

राष्ट्रपति बोलीं- कड़े कदम उठाए जाने चाहिए

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लिखा- कठुआ जिले में सेना के जवानों के काफिले पर आतंकवादियों द्वारा किया गया हमला एक कायरतापूर्ण कृत्य है, जिसकी निंदा की जानी चाहिए और इसके लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। मेरी संवेदनाएं उन बहादुरों के परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ चल रहे इस युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।

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