नैनीताल। रानीबाग से नैनीताल के लिए रोपवे की आवश्यकता अब होने लगी है, ऐसा नैनीताल हाईकोर्ट ने कहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिरकण की शाखा नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक्स लिमिटेड, नेशनल हाइवे अथॉरिटी आफ इंडिया, उत्तराखंड सरकार व उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद को रानीबाग-नैनीताल रोपवे प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना चाहिए।
कोर्ट ने अपने आदेश में इस टिप्पणी के साथ ही नेशनल हाइवे के अधिवक्ता का यह बयान भी रिकार्ड किया है कि परियोजना निर्माण से पहले विशेषज्ञों से मिट्टी का परीक्षण करने के बाद ही जरूरी कदम उठाएंगे। नैनीताल शहर तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक रोपवे प्रस्ताव लगाने की कवायद करनी चाहिए।
अक्टूबर 2018 में तैयार हुआ था रोपवे प्रोजेक्ट का डिजाइन
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से अक्टूबर 2018 में रानीबाग से नैनीताल तक के रोपवे प्रोजेक्ट का डिजाइन तैयार किया गया था। इस प्रोजेक्ट में मल्टी लेवल कार पार्किंग भी शामिल है। सरकारी पक्ष का दावा है कि इस प्रोजेक्ट के निर्माण से एक लाख दस हजार वाहनों की नैनीताल में एंट्री रुक जाएगी।
करीब 11-12 किमी लंबाई के रोपवे प्रोजेक्ट रानीबाग एचएमटी फैक्ट्री से साढे़ तीन किमी में डोलमार, वहां से 4.7 किमी में ज्योलीकोट और फिर तीन किमी हनुमानगढ़ी नैनीताल है। रानीबाग से मात्र पांच से दस मिनट में काठगोदाम रेलवे स्टेशन पहुंचा जा सकता है।
तीन साल पहले हुई थी घोषणा
आपको बता दें कि तीन साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस प्रोजेक्ट की नैनीताल में घोषणा की थी। जिसके बाद उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने डिजाइन तैयार किया। तब प्रोजेक्ट की लागत करीब पांच सौ से साढ़े पांच सौ करोड़ आंकी गई थी।
यह है महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की विशेषता
प्रोजेक्ट के अनुसार लोअर टर्मिनल प्वांइट एचएमटी रानीबाग, टर्न स्टेशन डोलमार, मिड टर्मिनल स्टेशन ज्योलीकोट तथा अपर टर्मिनल स्टेशन हनुमानगढ़ी नैनीताल प्रस्तावित है। हनुमानगढ़ी में रिटेल शाप, फूड एंड बेवरेज आउटलेट्स, पब्लिक कन्वीनियंस, ज्योलीकोट में ईको टूरिज्म रिजॉर्ट, रिटेल शॉप, फूड एंड बेवरेज आउटलेट्स, एचएमटी, रानीबाग में थ्री स्टार होटल, मल्टी लेवल कार पार्किंग, रिटेल शाप, फूड एंड बेवरेज आउटलेट्स, मल्टी कॉशन रेस्टोरेंट, फास्ट फूड रेस्टोरेंट आदि बनेगा।
रोपवे प्रोजेक्ट की शुरुआत अब नए सिरे से होगी
रोपवे प्रोजेक्ट की अब नए सिरे से शुरुआत होगी। एनएचआइ के अधिवक्ता नरेश पंत के अनुसार भारत सरकार ने इसमें एमओयू साइन करने के साथ ही साढ़े नौ करोड़ भी जारी कर दिया है। दुनियां की सबसे टॉप व दक्ष विदेशी कंपनी को कांट्रेक्ट दिया गया है। कंपनी नई डीपीआर तैयार करेगी और उत्तराखंड सरकार की बनाई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर भी विचार करेगी। रोपवे के स्टेशन पुरानी डीपीआर में चार प्रस्तावित हैं, जो नई डीपीआर में छह भी हो सकते हैं, कम भी। मिट्टी का परीक्षण होने के साथ ही नए सिर से सर्वे होगा। रापवे प्रोजेक्ट से संबंधित अध्ययनों का नए सिरे से परीक्षण किया जाएगा।
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हाई कोर्ट उत्तराखंड का स्थानांतरण बहुत जरूरी है । हाई कोर्ट या तो हल्द्वानी या रामनगर आना चाहिए । रोपवे बनाने से कुछ भी हासिल नहीं होगा । पर्यावरण से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए । और रोपवे बननें मे भी बहुत साल लग जाएंगे ।