कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में अंधविश्वास का ऐसा उदाहरण मिला है जिससे इंसानियत पर से ही भरोसा उठ जाए। निःसंतान चाचा-चाची के लिए भतीजे ने दोस्त के साथ गांव की ही एक बच्ची को पहले तो अगवाकर किया, उसके बाद नशे में दइोनों उसके साथ रेप का प्रयास किया, असफल रहने पर बच्ची का गला दबा कर हत्या कर दी और उसके बाद शव का पेट चीरकर सभी अंग निकल लिए। इन अंगों में से कलेजा निकाल कर उन्होंने निसंतान दंपति को दे दिया ताकि वे उसे खा सके। पुलिस ने इस मामले में चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि यह मामला फास्टट्रेक कोर्ट में चलाया जाएगा।
कानपुर के घाटमपुर थाना क्षेत्र के घाटमपुर गांव निवासी एक व्यक्ति के तीन बच्चों में दूसरे नंबर की छह साल की बेटी शनिवार शाम घर के बाहर पड़ोसी की बेटी संग खेल रही थी। तभी अचानक लापता हो गई। परिजनों को देर रात जानकारी हुई कि गांव का युवक अंकुल उसे पटाखा दिलाने के बहाने ले गया है। तलाशने पर भी बच्ची नहीं मिली। रविवार सुबह भद्रकाली मंदिर के पास गन्नूलाल के खेत में कुत्ते एक बच्चे का शव नोंच रहे थे। ग्रामीणों ने बच्ची को पहचान लिया और परिजनों को सूचना दी। शव के अंग गायब थे और उसके बगल में नमकीन और बिस्कुट के पैकेट पड़े थे। सूचना पर पहुंची पुलिस को ग्रामीणों ने चार घंटे तक शव उठने नहीं दिया। एसपी ग्रामीण और डीआईजी के आश्वासन पर शव को हाथ लगाने दिया। बच्ची के पिता ने अंकुल, वंशलाल, कमलराज, बाबूराम और सुरेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दुस्साहसिक वारदात का संज्ञान लिया। सीएम ने अपराधियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश देने के साथ ही शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्हें 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, सरकार इस प्रकरण की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कराकर अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलाएगी।
पुलिस ने सबसे पहले भतीजे अंकुल को ही पकड़ा। उसके जरिए पुलिस उसके दोस्त वीरेन्द्र तक पहुंची। अंकुल ने बताया कि चाचा परशुराम और चाची सुनैना के कहने पर बच्ची को अगवा किया। शराब पीकर उससे रेप का प्रयास किया। विरोध करने पर गला दबाकर मार दिया। उसका एक-एक अंग निकालकर कूड़े में फेंक दिए और कलेजा चाचा-चाची को दे दिया। उनका मानना है कि ऐसा करने से उन्हें संतान की प्राप्ति हो जाएगी। सोमवार को मामले के खुलासे के बाद पुलिस ने इस मामले में चारों आरोपितों के खिलाफ हत्या के मुकदमे में गैंगरेप की धारा भी बढ़ा दी है।
इंस्पेक्टर घाटमपुर राजीव सिंह ने बताया कि आरोपितों ने शराब के नशे में मासूम के कपड़े उतार लिए थे। इसके चलते यह रेप की श्रेणी में आता है। हैवान इतने धुत थे कि उन्होंने मासूम का सिर्फ लिवर ही नहीं काटा। उसके दोनों फेफड़े, दिल, किडनी, स्पलीन, छोटी-बड़ी आंत, खाने की थैली तक काट डाली। लिवर उन्होंने चाचा परशुराम और चाची सुनैना के पास पहुंचा दिया। बाकी अंग कूड़े में फेंक दिए जो जानवर खा गए।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मासूम के सभी अंग गायब मिले। उसके नाजुक अंग में खरोंच के निशान मिले हैं। डॉक्टर आलोक मिश्रा और डा. महेन्द्र कुमार के पैनल ने मासूम का पोस्टमार्टम किया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मासूम की दो स्लाइड बनाई गई हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा जाएगा।
परशुराम ने पुलिस को बताया कि 1999 में उसकी शादी हुई मगर बच्चे नहीं हो रहे थे। उसे पता चला कि बच्ची का लिवर खाने से बच्चे हो जाएंगे। इसके लिए उसने भतीजे अंकुल और उसके साथी वीरेन्द्र को समझाया। शनिवार को ही दोनों के साथ बैठकर योजना बनाई और उन्हें खूब शराब पिलाई। उसके बाद इस काम के लिए अंकुल को 500 रुपए और वीरेन्द्र को एक हजार रुपए दिए। दोनों बच्ची को बहला कर ले गए। गांव में इदरीस की दुकान से नमकीन और बिस्कुट खरीदे गए, जो पुलिस ने मौके से बरामद किए।
इदरीस से पूछताछ में उसने भी आरोपितों द्वारा सामान खरीदे जाने की पुष्टि की। इसके बाद वह बच्ची को जंगल में ले गए। वहां पर भी शराब पी और नशे में उससे दुष्कर्म किया। इसके बाद अंग काट दिए। पुलिस ने जब परशुराम से पूछा कि उसे यह किसने बताया कि लिवर खाने से बच्चे पैदा होंगे, तो उसने बिना हिचक दो टूक जवाब दिया कि किसी को बताने की क्या जरूरत है? यह तो सभी जानते हैं।