बागेश्वर। पहाड़ों में कोरोना के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य महकमे को भी सकते में डाल दिया है। फिलहाल कोरोना से बचने का एक ही उपाय है ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग। इसी काम को पूरी निष्ठा से कर रहा है जिले का सीएचसी कांडा। यहां हर रोज रिकॉर्ड तोड़ जांच हो रही है।प्रभारी चिकत्साधिकारी डॉ. हरीश पोखरिया के नेतृत्व में टीम अस्पताल के साथ ही गांव—गांव जा कर लोगों की कोरोना सैंपलिंग कर रही है। लॉकडाउन की अवधि के दौरान भी डॉ. पोखरिया 10,000 से ज्यादा प्रवासियों की अकेले ही स्क्रीनिंग कर चुके हैं और अब ज़ब से कांडा में कोरोना जांच के लिए सैंपलिंग लेने का आदेश आया है
उसमें भी प्रभारी चिकित्साधिकारी और उनके स्टॉफ ने काफ़ी तेजी दिखायी है। इससे पूरे जिले की सैंपलिंग में काफी सुधार आया है। कांडा सीएचसी के प्रभारी चिकत्साधिकारी डॉ. हरीश पोखरिया ने बताया कि अस्पताल में आने वाले हर संदिग्ध मरीज का कोरोना सैंपल लिया जा रहा है। पॉजिटिव आये मरीजों की ट्रेवलिंग हिस्ट्री ट्रेस कर उनके परिवार के साथ एहतियात के तौर पर उस क्षेत्र के लोगों की सैंपलिंग कर बागेश्वर और हल्द्वानी भेजे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में ही हमने 3200 टेस्ट किये हैं इसमें से 6 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है और बाकी रिपोर्ट नेगेटिव रही। सभी 6 लोग क्षेत्र में बाहर से आये हुए थे। डॉक्टर पोखरिया ने कहा कि जानकारी के अभाव में कुछ लोग पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद भी आइसोलेशन के लिए खुद को तैयार नहीं कर पा रहे है और डॉक्टरों से बेवजह उलझ रहे हैं। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने की बाहर निकलने पर मास्क पहने की और सर्दी-जुकाम बुखार के लक्षण होने पर अस्पताल जाकर डॉक्टर से जांच कराने की अपील की है।
क्षेत्रीय लोगों ने कहा कि कोरोना काल में डॉक्टर हरीश पोखरिया ने बखूबी ही अपना कर्तव्य निर्वहन किया है। अस्पताल में कोई भी मरीज कभी भी आये वे तत्परता से उसका उपचार करते हैं। लोगों ने कहा कि ऐसे कोरोना योद्धा पहाड़ के लोगों के लिये वरदान साबित हो रहे हैं।