नालागढ़। पीजीआई चंडीगढ़ ने की हिमाचली मरीजों की हॉस्पिटल में एंट्री बंद हो जाने पर हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के लोगों मे रोष देखने को मिल रहा है। विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में एकमात्र सिविल अस्पताल की हालत है खस्ता है।
अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प हो चुकी है। ज्यादातर मरीजों को इलाज के लिए रैफर करके पीजीआई चंडीगढ़ भेजा जाता था। अब जब पीजीआई में या सुविधायें हिमाचली मरीजों को नहीं मिलेंगी तो वे कहां जाएंगे इलाज करवाने? इस सवाल का जवाब सरकार के पास भी नहीं है।
बीते दिनों इलाज ना मिलने के कारण कई लोग जान भी गवां चुके हैं । उनका कहना है की प्रदेश सरकार के खाते में करोड़ों रुपया राज्यस्व के रूप में जमा होता है। सरकार का रवैया क्षेत्र के विकास को लेकर गंभीर नहीं है।
यहां के एकमात्र सिविल अस्पताल की भी हालत खस्ता है। अकेले कोविड-19 में भी सीएम राहत कोष में बीबीएन से करोडों रुपया जमा हुआ था।
दूसरी ओर सरकार के मंत्रियों पर भी जनता सवाल उठाने लगी है। मंत्रियों के लिये फिजूलखर्ची से मँहगी करें खरीदी जा सकती हैं लेकिन क्षेत्र के मरीजों के इलाज के लिये सरकार के पास पैन्सा नही है। उन्होने सीएम जयराम ठाकुर से की मांग, अगर जल्द ही सिविल अस्पताल नालागढ़ में स्वास्थ्य सेवाएं नहीं की गई पूरी, तो आंदोलन किया जायेगा।
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