अल्मोड़ा। विकासखंड भैसियाछाना अंतर्गत डूंगरी गांव उडल तोक में दो साल के मासूम बालक को अपना शिकार बनाने वाले गुलदार को नरभक्षी घोषित किए जाने के बाद उत्तराखंड के जांबाज शिकारी जॉय हुकिल और लखपत सिंह रावत के जल्द प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। वन विभाग के अनुसार पहले पहले गुलदार को ट्रैंकुलाइज करने की कोशिश होगी। काबू में न आने पर उसे गोली मारने का फैसला लिया गया है। गांव में गुलदार के पहुंचने की संभावना वाले क्षेत्र में पिंजड़ा लगा दिया गया है। वहीं बेजार डूंगरी ग्रामसभा व उससे लगे उडली तोक में डीएफओ महातिम सिंह यादव की अगुवाई में विभागीय टीम डेरा डाले हुई है। उधर वन संरक्षक (कुमाऊं) प्रवीण कुमार ने मंगलवार को पत्र भेज गुलदार को आदमखोर घोषित करने की सिफारिश की। सायं विभाग प्रमुख (वन्य जीव) की ओर से आतंक का पयरय बन चुके गुलदार को नरभक्षी घोषित कर उससे निपटने की अनुमति दे दी गई। रानीखेत व बिनसर सेंच्यूरी से विभागीय शूटर बुलाए गए हैं। माना जा रहा है कि मासूम की हत्या के आरोपी गुलदार को जल्द जिंदा या मुर्दो पकड़ लिया जायेगा।
फोन पर पति से बात कर रही थी हेमा, गुलदार गोद से छीन ले गया बच्चा
इधर बता दें कि अभी तक उडल गांव में एक अजीब सा मातम दिखाई दे रहा है। गुलदार का शिकार बने नन्हे हर्षित की मां हेमा देवी की रोते—रोते आंखें सूख चुकी हैंं। बंगलुरू से गीत दिवस पिता देवेंद्र सिंह मेहरा भी पहुंच गये हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार 6 जुलाई को दोपहर 3 बजे के करीब उनकी अपनी पत्नी से फोन पर बात हो रही थी। अचानक पत्नी चीखी तो वह समझ गये कि कोई बड़ी अनहोनी हो गई है। हुआ यूं कि हेमादेवी फोन पर अपने पति से बात कर रही थी, तभी जंगल की ओर से घात लगाए बैठा गुलदार उसके पुत्र हर्षित को उठा ले गया। बाद में ग्रामीणों की टोली ने लगभग 300 मीटर की दूरी पर जंगल में एक झाड़ियों के भीतर से मासूम का शव बरामद किया।