Almora : ज. अ. मंच ने पालिका आदेश को बताया जन विरोधी, आंदोलन की चेतावनी
- प्रवेश शुल्क लागू करने को बताया गलत
- 12 सितंबर तक का अल्टीमेटम
- 13 सितंबर से धरना—प्रदर्शन का ऐलान
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
नगर पालिका परिषद अल्मोड़ा द्वारा मुख्य बाजार में प्रवेश प्रतिबंधित कर प्रवेश शुल्क लागू किये जाने पर जन अधिकारी मंच ने तीव्र रोष व्यक्त किया है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि 12 सितंबर तक आदेश वापस नही लिया गया तो 13 सितंबर से मंच के बैनर तले पालिका परिसर में धरना—प्रदर्शन शुरू कर दिया जायेगा।
मंच की ओर से मीडिया को जारी बयान में कहा गया है कि मुख्य पटाल बाजार क्षेत्र में प्रवेश के लिए बने दोनों गेटों में सुविधा शुल्क बढा़कर निजी हाथों में सौंपना पूरी तरह गलत है। मंच के वरिष्ठ विधि विशेषज्ञ पूर्व दर्जा मंत्री एड. केवल सती ने कहा कि नगर पालिका परिषद जनहित की उपेक्षा कर रहा है। अति आवश्यक सेवा से दुग्ध संघ के एटीएम वाहन को छूट नहीं देना पालिका की जनहित के प्रति उदासीन रवैया को प्रदर्शित करता है, जबकि दुग्ध वाहन आवश्यक सेवा की परिधि में आता है। पालिका को पूर्ववत व्यवस्था को यथाशीघ्र लागू करना चाहिए।
मंच के संयोजक त्रिलोचन जोशी ने कहा कि नगर पालिका परिषद के आदेश में आकस्मिक सेवाओं को छोड़कर, जिला एवं पुलिस प्रशासन के वाहनों को नि:शुल्क प्रवेश और वहीं मरीजों के वाहन पर शुल्क और अन्य वाहनों पर शुल्क लगाना दोहरे चरित्र को प्रदर्शित करता है। मुख्य बाजार क्षेत्र में अनेक वर्षों से निवासियों के भवन एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं। जो पालिका को गृहकर सहित अनेक प्रकार के लाइसेन्स शुल्क अदा करते हैं। उन पर ही पालिका द्वारा बिना विश्वास में लिये वाहन शुल्क लगाना गैर जिम्मेदारना व्यवहार है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्थानीय व्यापारियों को आनलाइन व्यापार से कड़ी स्पर्धा करनी पड़ रही है। वहीं दो वर्ष से कोरोना के कारण स्थानीय व्यापारियों का व्यापार चौपट हो रहा है। पालिका द्वारा व्यापारियों के हितों में मरहम लगाने के बजाय उन पर अतिरिक्त बोझ डालना न्यायसंगत नहीं है।
मंच के वरिष्ठ परामर्शदाता मनोज सनवाल ने कहा कि इसी माह कलेक्ट्रेट विकास भवन के समीप स्थानांतरित हो जायेगा, उसके बाद अल्मोड़ा में व्यापारिक गतिविधियों को नये सिरे से संचालित करने एवं व्यापारियों को उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए सुलभ संसाधन उपलब्ध कराना पालिका की नैति जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासियों के हितों के साथ अगर कुठाराघात किया गया तो मंच उसका जोरदार विरोध करेगा। मंच नगर पालिका प्रशासन और बोर्ड से गेटों में शुल्क वद्धि वापस लेने और पूर्ववत व्यवस्था लागू करने की मांग करता है। अगर 12 सितम्बर तक पालिका अपने निर्णय को वापस नहीं लेती है, तो 13 सितम्बर से जन अधिकार मंच पालिका परिसर में धरना—प्रदर्शन आन्दोलन को बाध्य होगा।