सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
यहां नागरिकों में मल्ला महल के मुद्दे को लेकर असंतोष गहराने लगा है। दरअसल, ऐतिहासिक धरोहर मल्ला महल (कलेक्ट्रेट परिसर) के संरक्षण के नाम पर मनमानी बरते जाने का आरोप लगाते हुए जांच करने और मनमानी रोकने की मांग को लेकर जनसंगठनों से जुड़े नागरिकों ने ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा गया था, मगर एक माह बीत जाने के बाद भी इस ज्ञापन पर कोई गौर नहीं फरमाए जाने से दबा गुस्सा बढ़ने लगा है। शुक्रवार को पालिका सभागार में हुई बैठक में अब अगली रणनीति के लिए 19 दिसंबर को नगर पालिका सभागार में जन संगठनों की फिर बैठक आहूत करने का निर्णय लिया है।
नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि कलेक्ट्रेट परिसर (मल्ला महल) हमारी बहुमूल्य धरोहर है और जनता को विश्वास में लिए बगैर संरक्षण कार्य होने से इस धरोहर के नष्ट होने का खतरा पैदा हो गया है। जो बेहद गंभीर चिंता का विषय है। वक्ताओं ने कहा कि विभिन्न संगठनों के लोगों ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि चंद शासन, गोरखा राज, अंग्रेज शासन समेत भारत में प्रशासनिक व राजनैतिक केंद्र रहे मल्ला महल के संरक्षण के नाम पर जनता को अंधेरे में रखा जा रहा है। इतना ही नहीं इसके लिए गुपचुप तरीके से ट्रस्ट का गठन किया गया। जिसकी प्रति कानूनन सूचना अधिकार अधिनियम में भी प्राप्त नहीं हो रही है। ऐसे में निर्माण करने वालों के इरादों पर संदेह बढ़ जाता है। बैठक में मल्ला महल में चल रहे निर्माण के सारे दस्तावेज सार्वजनिक करने की मांग दोहराई गई। तय किया गया कि इस मुद्दे पर भावी रणनीति तय करने के लिए आगामी 19 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से नगरपालिका सभागार में सभी जन संगठनों की बैठक आयोजित की जाएगी। बैठक का संचालन उत्तराखंड लोक वाहिनी के नेता पूरन चंद्र तिवारी ने किया। बैठक में पालिका अध्यक्ष प्रकाश जोशी समेत उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी, पूर्व सैनिक कल्याण परिषद अल्मोड़ा के मनोहर सिंह नेगी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के प्रतिनिधि, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की सुनीता पांडे, सभासद हीरा देवी, लीला आर्य समेत अन्य लोग शामिल हुए।
अल्मोड़ा न्यूजः मल्ला महल प्रकरण पर एक माह भी अनसुनी से गुस्से में इजाफा, बैठक में उभरा असंतोष, अब 19 दिसंबर को बनेगी अगली रणनीति
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ायहां नागरिकों में मल्ला महल के मुद्दे को लेकर असंतोष गहराने लगा है। दरअसल, ऐतिहासिक धरोहर मल्ला महल (कलेक्ट्रेट परिसर) के संरक्षण के…