सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
जिला पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर जिपंअ समेत नौ सदस्यों का धरना बदस्तूर जारी है। जिला पंचायत सदस्यों ने प्रशासन पर सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत में अनियमितता नहीं होने दी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों का विकास को गहरी चोट पहुंची है जनप्रतिनिधियों के समस्याओं का समाधान करने में शासन-प्रशासन पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार के नेतृत्व में 9 जिला पंचायत सदस्यों का आंदोलन जारी है। आंदोलनरत सदस्यों ने जिला पंचायत में जमकर नारेबाजी कर कहा कि अनियमितताओं को लेकर जिपंस धरने पर हैं। लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। गांवों के विकास को मिलने वाले धन की लूट मची है। जिला प्रशासन भाजपा सर्मिपत सदस्यों के अलावा अन्य सदस्यों की समस्याएं नहीं सुन रहा है। भ्रष्टाचार चरम पर है और चेहतों को विकास कार्यों का धन एक तरह से बांटा जा रहा है। गांवों का विकास नहीं होने से जनता भी नाराज है। जिसके कारण उन्हें धरने पर बैठना पड़ा है। उन्होंने कहा कि यदि जिला पंचायत के कार्यों की जांच नहीं हुई, तो वह उग्र आंदोलन के साथ एक सप्ताह बाद न्यायालय की शरण जाने को मजबूर होंगे।
इस दौरान जिपंस हरीश ऐठानी,गोपा धपोला, रूपा कोरंगा, रेखा देवी, इंद्रा परिहार, सुरेन्द्र खेतवाल आदि मौजूद थे। इधर जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर आन्दोलनरत सदस्यों को जिला पंचायत परिसर से बाहर आंदोलन स्थल चयनित करने को कहा है। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी ना तो बात मान रहे है और नही जिला पँचायत में कोई कार्य होने दे रहे है। जिससे कर्मचारियों को भी कार्य करने में बाधा उत्पन्न हो रही है। उनके द्वारा कोविड नियमों का भी पालन नही किया जा रहा है।