नई दिल्ली। रोहित शर्मा के परिवार ने उनकी हत्या के लिए एक सांप्रदायिक मकसद का आरोप लगाया है। रोहित की मां राधा ने बताया कि हमलावरों ने किचन में रखे गैस सिलेंडर निकाल कर आग लगाने की कोशिश भी की थी। हमलावरों की संख्या 15 से अधिक थी। इतना ही नहीं आरोपितों के घर की महिलाओं ने उनके घर पर पहुंचकर हंगामा किया। स्थानीय लोगों ने बताया कि आरोपितों की हरकतों से सभी परेशान थे। ये लोग छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई करने को तैयार रहते थे। गली के कई लड़कों से इनकी कई बार लड़ाई हो चुकी है। रिंकू की मां ने बताया कि आरोपित जय श्री राम के नारे से नफरत करते थे।
चारों आरोपी भी पार्टी में शामिल हुए थे। ये सभी एक दूसरे को जानते थे। पार्टी में एक बहस और झगड़ा हुआ, जिसके बाद रिंकू शर्मा अपने घर के लिए रवाना हो गए। पुलिस ने कहा कि चार लोगों ने उसका पीछा किया और रिंकू के घर पर बुधवार रात करीब 12 बजे हमलावरों ने काफी देर तक उत्पात मचाया। बचाव के क्रम में रिंकू को हमलावरों ने आरीनुमा चाकू पीठ में घोप दिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि घायल होने के बावजूद रिंकू जय श्री राम के नारे लगाते हुए आरोपितों के पीछे भागे भी थे।
हत्या में शामिल एक आरोपित इस्लाम की पत्नी डेढ़ वर्ष पहले गर्भवती थी। उस दौरान उसकी हालत बहुत खराब थी। रोहिणी स्थित अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उपचार के लिए खून की आवश्यकता थी। ऐसे में रिंकू शर्मा ने दो बार रक्त दान कर आरोपित इस्लाम की पत्नी को जीवनदान दिया। यहीं नहीं रिंकू ने आरोपित इस्लाम के भाई शकुरू को कोरोना होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराने में मदद की थी, लेकिन शायद रिंकू को यह नहीं पता था कि जिसको वह अपना खून दे रहा है, वही उसके खून के प्यासे हो जाएंगे