नीट परीक्षा विवाद : कृपांक पाने वाले विद्यार्थियों के परिणामों की पुन: जांच करेगी चार सदस्यीय समिति

नई दिल्ली | केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) के परीक्षा परिणाम को लेकर उठ रहे सवालों के बीच चार सदस्यीय…

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नई दिल्ली | केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) के परीक्षा परिणाम को लेकर उठ रहे सवालों के बीच चार सदस्यीय समिति गठन है और यह समिति एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगी।

इस मुद्दे पर शनिवार को यहां राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव के. संजय मूर्ति, एनटीए के महानिदेशक सुबोध सिंह और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू उपस्थित थे। इस मौके पर श्री सिंह ने कहा, “ नीट-यूजी’ में कृपांक पाने वाले 1,500 से अधिक अभ्यर्थियों के परिणामों की पुन: जांच करने के लिये शिक्षा मंत्रालय ने चार सदस्यीय समिति गठित की है। यह समिति एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को सौंपेगी।”

उन्होंने बताया कि इस समिति के अध्यक्ष संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष होंगे, लेकिन उन्होंने अध्यक्ष के नाम का खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा कि नीट के जिन अभ्यर्थियों को कृपांक दिये गये हैं, उनके परिणाम संशोधित किए जा सकते हैं और इससे प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी।

उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर हमारी समिति की बैठक हुई और परीक्षा केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज के विवरणों पर गौर किया। इस दौरान कुछ केंद्रों पर समय बर्बाद हुआ और छात्रों को इसकी भरपाई की जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि समिति ने सोचा कि वे शिकायतों का समाधान कर सकते हैं और विद्यार्थियों को मुआवजा दे सकते हैं, तो कुछ छात्रों के अंक बढ़ा दिये गये, जिसको येलेकर कुछ छात्रों ने आपत्तियां जतायी हैं। उन्होंने बताया कि कुछ उम्मीदवारों को 718 और 719 अंक मिले और छह छात्र टॉपर बन गए। हमने सभी चीजों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया और परिणाम जारी किये।

एनटीए महानिदेशक ने बताया कि नीट-यूजी की परीक्षा देशभर में 4750 केंद्रों पर आयोजित की गयी, जिसमें से छह केंद्रों में समस्या आयी थी। उन्होंने बताया कि इन केंद्रों में एक केंद्र हरियाणा, एक केंद्र चंडीगढ़, दो केंद्र छत्तीसगढ़, एक गुजरात और एक केंद्र मेघायलय का है।

उन्होंने बताया की नीट-यूजी में करीब 24 लाख छात्र शामिल हुये थे, लेकिन सिर्फ 1600 छात्रों को ही इस समस्या का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि इस परीक्षा की शुचिता से समझौता नहीं किया गया और किसी भी विद्यार्थी को मुसीबतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस दौरान उन्होंने कोई पेपर लीक होने सूचना को खारिज कर दिया और कहा कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ था।

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