नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज स्नातक स्तर की पढ़ाई के लिए पांच मई को आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) 2024 में कथित तौर पर परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र सार्वजनिक (पेपर लीक) होने संबंधी गड़बड़ी और धोखाधड़ी के आरोप वाली याचिकाओं के मद्देनजर दाखिले से संबंधित काउंसलिंग की प्रक्रिया पर रोक लगाने से मंगलवार को इनकार कर दिया, लेकिन इस मामले में की राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाशकालीन पीठ ने शिवांगी मिश्रा और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर कहा कि कई सवाल उठाए गए हैं। परीक्षा की पवित्रता बनाए रखी जानी चाहिए। शीर्ष अदालत ने परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था एनटीए से जवाब मांगते हुए कहा कि वह इस मामले में आठ जुलाई को अगली सुनवाई करेगी। हालांकि, पीठ ने याचिकाकर्ताओं द्वारा किए गए मौखिक अनुरोध पर काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता मैथ्यूज जे नेदुम्परा ने कहा कि नीट परीक्षा के पेपर लीक की खबर सुनकर वे अंदर तक हिल गए हैं। वे बहुत तनाव और चिंता में हैं, क्योंकि उन्होंने और उनके परिवार के सदस्यों ने एक दिन मेडिकल प्रैक्टिशनर बनने का सपना देखा था।
उन्होंने न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि एनटीए ने बिहार के पटना स्थित शास्त्री नगर पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज एफआईआर और बिहार पुलिस द्वारा पेपर लीक मामले में आगे की जांच की पृष्ठभूमि में संबंधित विभिन्न एजेंसियों की चल रही जांच पूरी होने से पहले ही पेपर लीक मामले में कथित अपराधियों को क्लीन चिट देते हुए अपना स्वयं का परिपत्र/अधिसूचना प्रकाशित कर दिया है। पीठ ने अधिवक्ता की ओर से काउंसलिंग पर रोक लगाने के समर्थन में बार-बार दी जा रही दलीलों कहा, “हम काउंसलिंग बंद नहीं करेंगे। अगर आप आगे बहस करेंगे तो हम इसे खारिज कर देंगे।”
नीट 2024 परीक्षा 5 मई 2024 को आयोजित की गई थी। परिणाम 4 जून 2024 को घोषित किए गए थे। स्वास्थ्य विज्ञान महानिदेशालय (डीजीएचएस), चिकित्सा परामर्श समिति (एमसीसी) की ओर से जुलाई 2024 के पहले सप्ताह में यूजी काउंसलिंग 2024 शुरू करने की संभावना है।